शौर्य चक्र विजेता शहीद सैनिक पीएम नरेंद्र मोदी के 3 फरवरी को जम्मू के दौरे के दौरान भाजपा में शामिल हो सकते हैं। राइफलमैन औरंगजेब को 14 जून, 2018 में कश्मीर में आतंकियों ने अगवा कर बर्बरता से मार दिया था। शहादत के बाद उनके परिवार के प्रति पूरे राष्ट्र में सहानुभूति की लहर दौड़ गई थी।
शहीद औरंगजेब का परिवार पुंछ जिले में रहता है। उनके पिता मोहम्मद हनीफ भी पूर्व सैनिक हैं व पूरे परिवार मेंआतंकवाद से लड़ने व देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा है। सूत्रों के अनुसार मोहम्मद हनीफ से भाजपा के नेता मिल चुके हैं व उन्हें पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दे चुके हैं। उनका नाम स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा गया है।
14 जून 2018 को ईद की छुट्टी पर घर जा रहे सेना के जवान औरंगजेब का आतंकियों ने पहले पुलवामा के कालम्पोरा से अपहरण किया व उसके बाद गोली मारकर उनकी मर्डर कर दी।ईद के इस मौके पर पुंछ के रहने वाले औरंगजेब के पैतृक गांव सलानी में अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है। औरंगजेब के घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। उनकी मां ने आतंकवादियोंसे बोला था कि वे अपने बेटे के साथ ईद मनाना चाहती हैं लेकिन आतंकवादियों ने गोलियों से छलनी औरंगजेब के बॉडी को ही छोड़ा। शहीद जवान के पिता ने गवर्नमेंट को 72 घंटे का वक्त दिया है। उन्होंने बोला कि 72 घंटे का मौका देता हूं वर्ना मैं बदला लूंगा।
सेना से रिटायर पिता का छलका दर्द
औरंगजेब के पिता ने मीडिया से बात करते समय कहा, “आतंकवादियों ने मेरे बेटे को अगवा कर लिया। कश्मीर से आतंकवादियों का 2003 से सफाया नहीं हो सका। जालिमों ने मेरे बेटे को नहीं आने दिया। श्रीनगर के अंदर जो भी नेता लोग बैठे हैं उनको बाहर निकाला जाए। मैं मोदी जी को 72 घंटे देता हूं नहीं तो मैं खुद बदला लेने को तैयार हूं। हम भारतीय आर्मी राष्ट्र के लिए जान कुर्बान करते हैं, लेकिन हमारे लिए कुछ नहीं है। ”
अपहृत सैनिक का गोलियों से छलनी मृत शरीर मिला
औरंगजेब का गोलियों से छलनी मृत शरीर गुरुवार (14 जून) को पुलवामा से बरामद हुआ था। जानकारी के मुताबिक पुलिस व सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का मृत शरीरकालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला। उनके सिर व गर्दन पर गोलियों के निशान थे। उन्होंने बताया कि 4 जम्मू व कश्मीर लाइट इन्फेंटरी के औरंगजेब फिल्हालशोपियां के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार (14 जून) प्रातः काल करीब नौ बजे यूनिट के सैनिकों ने एक कार को रोककर चालक से औरंगजेब को शोपियां तक छोड़ने को कहा। आतंकियों ने उस वाहन को कालम्पोरा में रोका था व जवान का अपहरण कर लिया था।
औरंगजेब के चाचा को भी आतंकवादियों ने मारा था
यहां आपको यह भी बता दें कि औरंगजेब के चाचा को भी 2004 में आतंकियों ने मार डाला था। औरंगजेब के कुल 6 भाई हैं (औरंगजेब व एक भाई सेना में, जबकि बाकी चार पढ़ रहे हैं)।औरंगजेब के पिता खुद सेना से रिटायर हुए हैं।
औरंगजेब की मर्डर के मामले में एक वीडियो सामने आया था
उल्लेखनीय है कि 15 जून 2018 को ही औरंगजेब की मर्डर के मामले में एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में आतंकवादियों व सेना के जवान औरंगजेब के बीच वार्ता को साफ सुना जा सकता है। वीडियो में आतंकवादियों ने औरंगजेब को एक पेड़ के नीचे बैठा रखा है व उससे सवाल पूछ रहे है। वीडियो में किसी आतंकवादी का चेहरा तो नहीं दिख रहा है लेकिन सेना के जवान औरंगजेब के साथ हुई वार्ता में आतंकवादी की आवाज एकदम साफ सुनाई दे रही है। इस वीडियो में आतंकवादियों ने राइफलमैन औरंगजेब से उसके पिता का नाम, घर व किसी एनकाउंटर के दौरान उसके शामिल होने को लेकर सवाल पूछे। वीडियो में आतंकवादी इंडियन सेना के राइफलमैन औरंगजेब से पूछते दिख रहे हैं कि क्या वह मेजर शुक्ला की टीम में शामिल था? आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि मेजर शुक्ला की टीम ने ही आतंकवादी समीर टाइगर का एनकाउंटर किया था।