अब बिना जेईई या गेट के भी IIT से करें पढ़ाई, जानिए कैसे…

इंडियन इंस्टीट्टूयट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पढ़ना ज्यादातर स्टूडेंट्स का सपना होता है. लेकिन ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) जैसी मुश्किल इम्तिहान में शीर्ष जगह पाना आईआईटी में दाखिले के लिए मुश्किल प्रक्रियाओं से गुजरना हर किसी के लिए सरल नहीं होता.
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 लेकिन आप बिल्कुल परेशान न हों. क्योंकि अब आईआईटी में पढ़ने के लिए आपको इन प्रक्रियाओं से गुजरने की आवश्यकता नहीं है. अगर आप किसी कारण ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस या ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) क्वालीफाई करने में चूक गए हैं, तब भी आप आईआईटी कानपुर से पढ़ाई कर सकते हैं.

कैसे होगा दाखिला

दरअसल, आईआईटी कानपुर प्रशासन ने ऐसे विद्यार्थी – छात्राओं से नॉन डिग्री कार्यक्रम के लिए आवेदन मांगे हैं. ये कार्यक्रम स्टू़ेंट्स को आईआईटी का अनुभव कराने के लिए चलाए जा रहे हैं. इच्छुक अभ्यर्थी इसके लिए इंस्टीट्यूट की वेबसाइट से आवेदन लेटर प्राप्त कर सकते हैं. आपको इसे भरकर डीन एकेडमिक अफेयर्स ऑफिस में जमा करना होगा. साथ ही इसे डीन एकेडमिक अफेयर्स को ईमेल भी करना होगा.
डीन एकेडमिक प्रो अचला रैना मिश्रा ने बताया कि आवेदन लेटर को विभाग, डीन स्टूडेंट अफेयर्स के पास भेजा जाएगा. इसके बाद इसका प्रस्ताव बनाकर सीनेट में रखा जाएगा. सीनेट ही अंतिम रूप से विद्यार्थियों को पढ़ाई की अनुमति देगी. विद्यार्थी यहां एक या दो सेमेस्टर की पढ़ाई कर सकते हैं.
देश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आप आईआईटी कानपुर की आधिकारिक वेबसाइट विजिट कर सकते हैं. अपने सवाल आप डीन एकेडमिक प्रो अचला रैना मिश्रा को ई-मेल के जरिये भी भेज सकते हैं. उनकी ई-मेल आईडी इस समाचार के अंत में दी गई है.

आवेदन लेटर के साथ देने होंगे ये दस्तावेज

  • मूल शिक्षण संस्थान (जिस विश्वविद्यालय से विद्यार्थी पढ़ रहा है) का अनुमति पत्र
  • एडमिशन का प्रूफ
  • मूल शिक्षण संस्थान का रेफरेंस लेटर
  • अंतिम सेमेस्टर का एकेडमिक रिकॉर्ड
  • स्टडी प्लान
  • बीटेक, बीएस के विद्यार्थियों को 400 रुपये प्रत्येक क्रेडिट (हर विषय के टॉपिक) के लिए देने होंगे. इस हिसाब से न्यूनतम 3600 रुपये प्रत्येक माह के लिए देय होगा.
  • एमटेक, एमडेस, एमएससी, एमएस (रिसर्च), एमबीए, पीएचडी के विद्यार्थियों को प्रत्येक क्रेडिट के लिए 600 रुपये देने होंगे. इसमें न्यूनतम 5400 रुपये प्रतिमाह का भुगतान करना होगा.
  • इस फीस के अलावा अगर विद्यार्थी हॉस्टल में रहता है तो उसे हॉस्टल शुल्क, मेस शुल्क, बिजली, कॉशन मनी भी जमा करनी होगी.
  • एग्जामिनेशन, रजिस्ट्रेशन, जिमखाना, फेस्टिवल, मेडिकल, हॉस्टल रेंट आदि मदों में भी कुल 15,100 रुपये देने होंगे. (अगर विद्यार्थी को हॉस्टल नहीं मिलता है तो उसे रहने के लिए खुद बंदोवस्त करना होगा)
डीन एकेडमिक प्रो अचला रैना मिश्रा के मुताबिक इस कार्यक्रम के तहत जिस सेमेस्टर में विद्यार्थी आईआईटी में पढ़ाई करेगा उसमें उसे आईआईटी से ही ग्रेड दिया जाएगा. यह ग्रेड विद्यार्थी के कॉलेज  विश्वविद्यालय भेजा जाएगा ताकि उसके मार्कशीट में जुड़ सके. इससे भविष्य में उसे प्लेसमेंट में बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा. डिग्री उसी विवि से मिलेगी जहां विद्यार्थी ने प्रवेश लिया होगा.