अब तीन शहरों ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली छोड़ा पीछे

पिछले कुछ समय से प्रदूषण की वजह से दिल्ली लगातार चर्चा का केंद्र बना हुआ था। लेकिन नए आंकड़ों के सामने आने के बाद अब तीन अन्य शहरों ने प्रदूषण के मामले में दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। अब बिहार की राजधानी प्रदूषण के मामले में दिल्ली से आगे निकल गई है। आईआईटी कानपुर और शक्ति फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार पटना के अलावा कानपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी प्रदूषण के मामले में काफी आगे निकल गया है।

चीन से 50 फीसदी अधिक प्रदूषण

अध्ययन में कहा गया है कि इस वर्ष भारत में चीन की तुलना में 50 फीसदी अधिक प्रदूषण बढ़ा है। यह आंकड़ा 45 दिन के अध्ययन के आधार पर सामने आया है, यह सर्वे पिछले वर्ष अक्टूबर और नवंबर माह में किया गया था। हालांकि प्रदूषण के बढ़ने के बाद भी प्र्दूषण मीडिया की सुर्खियां नहीं बन पाया है। लेकिन पर्यावरणविदों का मानना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदूषण चुनावी मुद्दा बन सकता है। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पटना, कानपुर और वाराणसी की हवा अक्टूबर और नवंबर माह में 170 माइक्रोग्राम्स पर क्युबिक मीटर से अधिक थी। यही नहीं पीएम 2.5 के पार्टिकल की वजह से लोगों को दिखने में काफी दिक्कत हो रही है और गंभीर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

क्या कहना है सरकार का

वहीं बिहार के पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमे यह आंकड़ा मिला है, पटना के बार में यह जानकारी चिंताजनक है। हमने शहर के लिए ए्शन प्लान बनाया है, हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे लागू किया जाए। जो ईंट के भट्टे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें बंद किया जाएगा। हमने बिल्डर्स को कहा है कि वह निर्माण क्षेत्र को चारो तरफ से ढकें ताकि हवा प्रदूषित ना हो, साथ ही सड़कों को साफ करने का भी निर्देश दिया गया है।

गंगा नदी बड़ी वजह

सुशील मोदी ने कहा कि पटना के पास गंगा नदी की एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से पर्यावरण के मानकों को सही से लागू नहीं किया जा पा रहा है। नदी के किनारे बसे शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित होते हैं, यहां चलने वाली तेज हवा की वजह से धूल और गंदगी आती है। यह मुख्य रूप से सर्दियों में होता है।