अब गंजेपन से मिलेगा छुटकारा, थाईलैंड के वैज्ञानिको ने किया ये बड़ा दावा

ट्रायल में वैज्ञानिकों ने 50 महिलाओं और पुरुषों के बालों पर इसका टेस्ट किया. सभी से अर्क के लेप को सिर पर लगाने के लिए कहा गया. लगातार कई दिनों तक वैज्ञानिकों ने सभी के सिर की तस्वीरें लीं और पाया कि अर्क का लेप बाल उगाने में सफल साबित हो रहा है.

 

अब सवाल ये कि अर्क का ये लेप बाजार में कब आएगा. चुललॉन्गकोर्न विश्वविद्यालय के फार्माकोग्नॉसी एंड फार्मास्युटिकल बॉटनी के संकाय से प्रोफेसर वांचाई डेनामककुल ने बताया कि इससे बाल न सिर्फ झड़ने से रुक जाएंगे बल्कि नए बाल भी उगेंगे.

जल्द ही यह दवाई बाजार में उतर सकती है क्योंकि एक प्राइवेट कंपनी ने इसके कमर्शियल प्रोडक्शन करने की तकनीक का पेटेंट भी करवा लिया है. माना जा रहा है कि आने वाले छह महीनों में यह दवा बाजार में उतर सकती है.

गंजेपन को ठीक करने वाले मैंग्रोव के अर्क को एविसेनिया मारिन के नाम से जाना जाता है. इसमें एविसेक्विनन-सी पाया जाता है, जो एक्टिव कंपाउंट एंजाइमों के साथ क्रिया करता है .

जिससे बालों का झड़ना रुक जाता है. गंजेपन के लिए जिम्मेदार हार्मोन को भी ये कम करने में मदद करता है. वैज्ञानिकों का दावा गंजेपन का शिकार लोगों के लिए राहत की खबर साबित हो सकता है.

वैज्ञानिकों ने इस दवाई के क्लिनिकल ट्रायल में 50 लोगों को शामिल किया और सकारात्मक परिणाम नजर आए. वैज्ञानिकों ने पाया कि अर्क बालों को झड़ने से रोकने और उन्हें बढ़ाने में कारगर है.

एविसेक्विनन-सी की रिसर्च में शामिल वैज्ञानिक सालों से इस पर खोज कर रहे हैं. थाईलैंड की चुललॉन्गकोर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद थाईलैंड से पुरस्कार भी मिल चुका है.

लंबे बालों की चाहत हर किसी की होती है लेकिन बाल झड़ना या फिर गंजापन (Baldness) बिना बताए आता है और सीधे इंसान के आत्मविश्वास पर चोट करता है. गंजेपन के इलाज का दावा कई लोग करते हैं.

ऐसा ही एक दावा किया है थाईलैंड (Thailand) का वैज्ञानिकों ने, जिनका कहना है कि उन्होंने जिस दवाई (Medicine) की खोज की है उससे गंजेपन को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि मैंग्रोव नाम के एक पेड़ से मिले अर्क से गंजेपन को ठीक किया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने ये दावा क्लिनिकल ट्रायल के बाद किया, जिसमें उन्होंने सफलता मिलने का दावा किया है. बता दें कि मैंग्रोव के ये पौधे समुद्र के तटों पर उगते हैं.