अब किसानों को 2000 की जगह 4000 देगी मोदी सरकार, कौन उठा सकता है इस स्कीम का फायदा

तरिम बजट पेश करते हुए कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों को 2000 रुपये मार्च तक देने का ऐलान किया था। अब खबर आ रही है कि सरकार मार्च तक किसानों को 2000 रुपये की बजाय 4000 रुपये देगी। दरअसल पहले मार्च तक सिर्फ पिछले साल से लेकर फरवरी तक के 2000 रुपये देने की बात कही जा रही थी, लेकिन सरकार ने इसमें परिवर्तन करते हुए किसानों को एक साथ दो किश्त देने का निर्णय किया है।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत देने वाली रकम के प्लान में बदलाव किया है। जिसके बाद अब किसानों के खाते में सीधे 4,000 रुपये आएंगे। आपको बता दें कि अंतरिम बजट में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Scheme) योजना के तहत सहायता राशि देने की घोषणा की थी। इस योजना से लगभग 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को सालाना 6000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह पैसा सीधे उनके बैंक खातों में तीन किस्तों में दिए जाएंगे।

सूत्रो का कहना है कि चूंकि इस योजना को चालू वित्त वर्ष में लागू किया जा रहा है, इसलिए अगले महीने किसी भी समय आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी इसका क्रियान्वयन प्रभावित नहीं होगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। सरकार ने योजना के तहत लाभार्थियों की पात्रता का निर्धारण करने के लिए समय सीमा 1 फरवरी, 2019 को निर्धारित किया है और इसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

इस स्कीम का फायदा 2 हेक्टेयर ज़मीन रखने वाले किसान उठा सकते है। सरकार का कहना है कि इस स्कीम के दायरे में 12 करोड़ किसान आएंगे।

इनको नहीं मिलेगा फायदा-

प्रधानमंत्री-किसान के दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद रखने वाले, सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), 10,000 रुपये से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, आयकर दाताओं तथा डॉक्टर एवं इंजीनियरों जैसे पेशेवरों को योजना से बाहर रखा गया है। इसके साथ ही  1 दिसंबर, 2018 और 31 जनवरी, 2019 के बीच स्थानांतरित की गई भूमि का स्वामित्व रखने वाले लोग इस योजना के तहत लाभ के प्राप्त करने के पात्र होंगे।

कई राज्यों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल किया

सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है। तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड के पास भी आंकड़े हैं, क्योंकि इन राज्यों ने भी इसी तरह की योजनाओं की घोषणा की है।