अब अमेरिका में भी होगा बीजेपी का चुनाव, माइक पोम्पियो कहा – ‘मोदी है तो मुमकिन’

लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड जीत के साथ सत्ता में वापसी का प्रभाव देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी दिखने लगा है. चुनाव प्रचार के दौरान जिन नारों ने बीजेपी को लोगों से जोड़ने का कार्य किया उसमें से एक था ‘मोदी है तो मुमकिन है’( ). अब यह नारा बीजेपी समर्थकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अमरीका में भी गुंजने लगा है.

अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( Mike Pompeo ) ने इस चुनावी नारे को दोहराते हुए बोला है कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’.दरअसल, माइक पोम्पियो ने हिंदुस्तान  अमरीका ( America ) के रिश्तों को एक नयी ऊंचाई तक पहुंचाने के विषय में यह बात कही. उन्होंने बोला कि अभी हिंदुस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान यह नारा चला था कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’, अब हिंदुस्तान और अमरीका के संबंधों में भी ऐसा होने कि सम्भावना है.

साथ मिलकर कार्य करें भारत-अमरीका: पोम्पियो

माइक पोम्पियो ने बुधवार को इंडिया आइडियाज समिट प्रोग्राम को संबोधित करते हुए बोला कि हम आगे बढ़ना चाहते हैं. उन्होंने बोला कि मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि अमरीका  हिंदुस्तान के बीच क्या संभव है. पोंपियो ने बोला कि अमरीका हमेशा के लिए हिंदुस्तान के साथ मजबूत संबंध स्थापित करते हुए रणनीतिक मोर्चे पर कार्य करना चाहता है.इससे दोनों राष्ट्रों को लाभ होगा. उन्होंने आगे यह भी बोला कि ट्रंप और मोदी के नेतृत्व में हम भविष्य के लिए अपार संभावनाएं देखते हैं. पोम्पियो ने बोला कि मैं इस महीने के अंत में नयी दिल्ली की अपनी यात्रा के लिए बहुत उत्सुक हूं, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी  मेरे नए समकक्ष, विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar ) से मुलाकात कर रहा हूं. बता दें कि 24 जून से 30 जून तक पॉम्पियो भारत, श्रीलंका , जापाना  दक्षिण कोरिया के भ्रमण पर होंगे.

हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन के लिए अहम दौरा

बता दें कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का यह दौरा हिंद-प्रशांत ( indo pacific ) क्षेत्र में शक्ति संतुलन के लिए बहुत ही अहम है. चूंकि इस क्षेत्र में चाइना के बढ़ते असर को रोकने के लिए अमरीका एक रणनीति के तहत आगे बढ़ रहा है. माइक पोम्पियो ने अपने संबोधन में इशारों ही इशारों में बोला कि संसार की सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंभ को सबसे पुरानी डेमोक्रेसी के साथ मिलकर एक साझा विजन पर कार्य करना चाहिए. हमें साझेदारी, आर्थिक खुलेपन, उदारता और संप्रभुता पर चलते हुए आपसी संबंधों को मजबूती देना होगा. पहले चाइना ( China ) की यात्रा  अब इन राष्ट्रों की यात्रा से यह साफ है कि अमरीका चाइना के मुकाबले हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाने की प्रयास कर रह है. इस क्षेत्र में चाइना लगातार अपना असर बढ़ाता जा रहा हैै. इसके अलावे अमरीका  चाइना के बीच मौजूदा समय में ट्रेड वॉर चल रहा है.

भारत के लिए कितना अहम

माइक पोम्पियो का यह दौरा हिंदुस्तान के लिए कितना अहम है. दरअसल कई ऐसे जरूरी सौदे और मामले हैं जिनको लेकर हिंदुस्तान  अमरीका के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है.ऐसे में पोम्पियो का यह दौरा बहुत ज्यादा अहम होने कि सम्भावना है. रूस के साथ S-400 मिसाइल तकनीक की खरीद को लेकर अमरीका अपनी नाराजगी जता चुका है, जबकि हिंदुस्तान अपने स्टैंड पर कायम है.

इसके अलावे कई रक्षा सौदा अमरीका के साथ हुए हैं. पोम्पियो ने बोला कि ट्रंप प्रशासन ने पहले ही हिंदुस्तान को उच्च प्रौद्योगिकी सामान निर्यात करने के लिए अमरीकी कंपनियों को सक्षम बनाया है. इसमें सशस्त्र यूएवी  बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली जैसे अत्याधुनिक रक्षा मंच शामिल हैं. उन्होंने बोला कि हम पहले ही एशिया-एज प्रोग्राम प्रारम्भ कर चुके हैं, ताकि हिंदुस्तान को अपनी ऊर्जा सुरक्षा  पहुंच की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत पूंजी जुटाने में मदद मिल सके. पोम्पियो ने बोलाकि हिंदुस्तान का अपाचे हेलीकॉप्टर ( India’s Apache helicopters ) का पहला बैच एरिजोना में बोइंग की उत्पादन लाइन से आ रहा है. लॉकहीड मार्टिंस एफ -21 ( Lockheed Martins F-21 )  बोइंग के F/A-18 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं जो हिंदुस्तान को रणनीतिक तौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक पूर्ण सुरक्षा प्रदाता बनने की क्षमता प्रदान कर सकते हैं.