सीनियर स्तर के क्रिकेट में 1862 विकेट चटकाने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैं विक्टोरिया के लिए मैं शेफील्ड शिल्ड में खेलने के बाद टेस्ट मैच में खेलता था. इसके बार फिर से विक्टोरिया का प्रतिनिधित्व करता था. अब खिलाड़ियों को समय मिल जाता है.’’

वॉर्न यह मानने को तैयार नहीं थे कि खिलाड़ियों को अपने खेल पर काम करने का समय नहीं मिलता है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको सुधार करना है तो व्यस्त रहने के बाद भी आप समय निकाल लेंगे. अगर आपको लगता है कि यह ठीक है तो आपको समय नहीं मिलेगा. यह एक दिन में नहीं होगा, इसमें समय लगता है. घंटो की मेहनत. इसमें कोई जादू नहीं है.’’