अधोमुख श्वावासना करने से शरीर को मिलता है बड़ा लाभ

अधोमुख श्वावासना – अपने चेहरे और छाती को जमीन की तरफ करके एक चटाई पर लेट जाएं. अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और अपने हाथों को अपने पैर की उंगलियों और अपनी एड़ी को ऊपर उठाते हुए दबाएं.

अपने निचले शरीर को इस तरह उठाएं कि आपके ग्लूट्स और बट छत की ओर खिंचे हुए हों. अपने घुटनों को मोड़ने की कोशिश न करें और अपने रीढ़ को स्ट्रेच करें. अपनी बाहों को अपने कानों के साथ संरेखित करें और अपनी ठुड्डी को छाती की ओर टिकाएं.

अपने रीढ़ को ऊपर उठाते हुए अपने हाथों और एड़ी को मजबूती से जमीन पर रखें. 1 मिनट तक इसी स्थिति में रहें और फिर न्यूट्रल पोजीशन में लौट आएं. इस आसन के कई अन्य शारीरिक लाभ भी हैं. ये मन को शांत करने का भी काम करता है.

उत्तानासन – जमीन पर खड़े हो जाएं और एक गहरी सांस लेते हुए हाथों को नीचे की ओर ले आएं. ध्यान रहे कि पैर घुटने से न मुड़ें. कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा.

हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें. थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें. इसके बाद वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं. इसे तीन-चार बार दोहराएं. उत्तानासन आपकी पीठ, कंधों और गर्दन में तनाव से राहत देता है. ये आपको शांत करता है और चिंता को कम करता है. उत्तानासन ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार करता है.