आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी है जिसे आंवला नवमी के नाम से जाना जात है। आंवला नवमी में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ ही आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन आंवले के पेड के नीचे पूजा करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है। इस बार आंवला नवमी पर सिद्धि योग, आनंद योग के साथ रवि योग का बन रही है जिससे विशेष संयोग में लाभ मिलेगा।
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आज आंवले के पेड के नीचे दूध चढ़ाना फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से सारी मनोकामना पूरी होती हैं। शास्त्रों में ऐसा माना जात है कि त्रेतायुग का आरंभ इसी दिन हुआ था।विष्णु पुराण में आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास रहता है।
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अगर किसी की कुंडली में सूर्य ग्रह का दोष है या सूर्य कमजोर है या सूर्य शत्रु राशि में रहता है तो उन लोगो को आंवले के पेड़ के नीचे 10 दिन तक भगवान विष्णु को दीपक जलाने से सारे दोषों से मुक्ति मिलती है।
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आंवला नवमी के पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 6.45 से 11.54 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। आज आर्थिक संकटों और कर्ज से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु को हलवे का भोग लगाएं, आगर किसी के दंपतियों का वैवाहिक जीवन कष्ट पूर्ण चल रहा हो, वह इस दिन प्रभु श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं। आवंला नवमी पर तुलसी विवाह की तैयारियां करने से परिवार के लोगो को सुखों की प्राप्ति होती है।