नायक ने कहा, ‘बंगाल की वर्तमान हालात 10-15 वर्ष पहले बिहार की तरह है. बिहार के लोग व पार्टियां समझ चुकी थीं कि यह हालात जारी नहीं रह सकती. इसलिए वहां परिवर्तनआया.‘ नायक बिहार से 1984 बैच के आईएएस ऑफिसर व राज्य के पूर्व चुनाव ऑफिसर रह चुके हैं. उन्हें बंगाल में अंतिम पांच चरणों के चुनावों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है.
उन्होंने बोला कि 23 अप्रैल को होने वाले तीसरे चरण के चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की 324 कंपनियों की तैनाती 92 फीसदी से ज्यादा बूथों पर की गई है. तीसरे चरण में पांच लोकसभा सीटें- बालूरघाट, उत्तरी माल्दा, दक्षिणी माल्दा, जंगीपुर व मुर्शिदाबाद शामिल हैं. तृणमूल नेता सुब्रत बख्शी ने चुनाव आयोग को लेटर लिखा है.
बख्शी ने इस बात पर हैरानी जताई है कि कैसे एक सेवानिवृत्त सरकारी ऑफिसर को इस पद पर नियुक्त किया गया है. तीसरे चरण के मतदान के लिए तैनात किए गए सुरक्षा बलों पर संतोष जाहिर करते हुए नायक ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सही दिशा में जा रहा है. चुनाव प्रबंधन अच्छा है व यहां पर्याप्त सुरक्षाबल हैं. हम 100 फीसदी केंद्रीय बल कवरेज की प्रयास कर रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि यहां राजनीतिक पार्टियों व लोगों को कोई कठिनाई होगी.‘
तीसरे चरण के मतदान से 72 घंटे पहले हुए फेरबदल में बरुईपुर के एसपी अजय प्रसाद को रविवार से माल्दा एसपी का पदभार लेने के लिए बोला गया. बीजेपी ने घोष को लेकर असहमति जताई थी क्योंकि उन्हें एक पद पर तीन वर्ष पूरे होने में केवल दो महीने बचे थे. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार कोई भी ऑफिसर एक पोस्ट पर तीन वर्ष से ज्यादा समय तक नहीं रह सकता. इससे पहले महीने की आरंभ में आयोग ने कूच बिहार के एसपी को पहले चरण के मतदान के बमुश्किल 36 घंटे पहले हटा दिया था.