अगस्ता वेस्टलैंड के प्रतिनिधियों के बीच हुई उन वार्ता के फैक्स डिस्पैच भेजे

वीवीआईपी चॉपर घोटाले मामले में हुए कथित करप्शन के मामले में CBI ने दावा किया है कि उसे जांच में बहुत बड़ी सफलता मिली है. इटली के जांचकर्ताओं ने भी इस सौदे में घोटाले की संभावना जताई थी. अगस्ता वेस्टलैंड की तरफ से किए गए मिशेल की कंपनी ग्लोबल ट्रेड एंड कॉमर्स लिमिटेड  ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई, दुबई के आंतरिक ऑडिट में यह बात सामने आई है कि उन्हें की गई 34 मिलियन यूरो यानी लगभग 276 करोड़ रुपये का भुगतान ‘संदिग्ध’ था.

इस रिपोर्ट को अगस्ता वेस्टलैंड (ऑडिट) के उपाध्यक्ष गियोर्गियो कसाना ने इटली के अधिकारियों के साथ पत्र रेगोटरी (एलआर) के जवाब में मिशेल  अगस्ता वेस्टलैंड के प्रतिनिधियों के बीच हुई उन वार्ता के फैक्स डिस्पैच भेजे थे जिनमें वीवीआईपी चॉपर घोटाले के टेंडर, भुगतान  विवरणों के बारे में दोनों तरफ से हुई बैठकों सहित अन्य चीजों की जानकारी थी.

CBI सूत्रों का कहना है कि कसाना जीटीसीएल  जीएसएफ के ऑडिट के लिए दुबई गया था. उसे वहां अगस्ता वेस्टलैंड की तरफ से मिशेल को दी गई 42.27 यूरो में से 34 मिलियन यूरो की रकम के खर्च में विसंगतियां मिलीं. जब कसाना ने मिशेल  उसके दफ्तर प्रबंधक डेविड सिम्स को इन संदिग्ध भुगतान को लेकर डांटा तो दोनों ने इतनी बड़ी रकम को लेकर झूठे स्पष्टीकरण दिए.

मिशेल ने दावा किया कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से कंसल्टेंसी फीस ली है लेकिन जांचकर्ताओं का कहना है कि यह घूस है  उसने कंपनी को कोई कंस्लटेंसी बिजनेस नहीं दिया है. CBIअधिकारियों का कहना है कि यह ऑडिट रिपोर्ट अगली चार्जशीट में अहम किरदार निभा सकती है. यह बहुत व्यापक है  इसमें पैसों को लेकर वार्ता की गई है.

मिशेल CBI के सामने इस बात को स्वीकार कर चुका है कि उसने एंग्लो-इटली कंपनी से भुगतान लिया है. सूत्रों के अनुसार जब उनसे पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) एसपी त्यागी  उनके कजिन के साथ जुड़े लिंक के बारे में पूछा गया तो ब्रिटिश नागरिक ने उन्हें कुछ महीनों तक प्रतिमाह 11,000 यूएस डॉलर देने की बात स्वीकार की.