सोमवार को गडकरी ने नयी दिल्ली में हुए नमामि गंगे प्रोग्राम के तहत दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए 11 प्रोजेक्ट की नींव रखीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नितिन गडकरी के पहले जल संसाधन मंत्री रहीं उमा भारती ने वर्ष 2018 को गंगा की सफाई के लिए डेडलाइन रखा था, लेकिन फिर कार्य ढंग कानहीं हो पाया था जिसके कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसे इस वर्ष वापस ले लिया। उस दौरान ट्रिब्यून ने ये भी बोला था कि, ‘हरिद्वार व उन्नाव के बीच जहां भी गंगा है, वहां का पानी न पीने लायक है, न नहाने। ‘
सिर्फ इतना ही नहीं केंद्रीय गवर्नमेंट वर्ष 2019 से पहले यमुना की सफाई करने का लक्ष्य लेकर भी चल रही है। गवर्नमेंट ने संसद की एक समिति को यह भी बताया था कि, ‘गंगा की सफाई से जुड़े नमामि गंगे प्रोग्राम के तहत परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2021 तक रखी गई है। ‘ सूत्रों की माने तो गडकरी ने अब वर्ष 2020 तक ये लक्ष्य हासिल करने को लेकर अपना आत्मविश्वास जताया है। सुनने में आया है कि गंगा की सफाई के लिए लगभग 26,000 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इस बारे में नितिन गडकरी ने कहा, ‘नमामि गंगा प्रोग्राम प्रारम्भ होते ही यमुना जैसी गंगा की सहायक नदियों की सफाई का लक्ष्य रखा गया था। इन प्रोजेक्ट्स की मदद से यमुना में सीवेज का गंदा पानी जाने से रोका जा सकेगा। ‘