केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर हमारी सरकार ने अच्छा काम नहीं किया तो दूसरों को मौका देने में कोई दिक्कत। उन्होंने मतदाताओं से अपील भी की. गडकरी ने कहा कि मतदान करने से पहले जनता को सरकार द्वारा बीते पांच साल में किए गए काम को भी ध्यान में रखना चाहिए। एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने में कहा कि इस बार सरकार की परीक्षा है।
सत्ता में जो पार्टी होती है उसे उसके काम के आधार पर आंका जाता है। अगर जनता को लगता है कि हमारी सरकार ने काम नहीं किया तो उन्हें दूसरों को मौका देना चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि राजनीति सिर्फ सत्ता में आने के लिए है जबकि राजनीति समाज के लिए होती है। नितिन गडकरी ने कहा कि वह कभी भी जाति के आधार पर और परिवारवाद को लेकर राजनीति नहीं करते। उन्होंने कहा कि कई बार मैं लोगों से मजाक करते हुए कहता हूं कि मैं बीते पांच साल में जो कुछ भी किया है वह सिर्फ एक ट्रेलर है, अभी पूरी फिल्म बाकी है। गडकरी ने कहा कि मुझे पीएम बनने की कोई इच्छा नहीं है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनके अगले प्रधानमंत्री बनने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे।’ गडकरी ने कहा: ‘मुझे पूरा विश्वास है कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा और नरेंद्र मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे। न मैं प्रधानमंत्री बनने का सपना देखता हूं न मैं लॉबिंग करता हूं, न किसी के पास जाता हूं। मुझे मेरी औकात और हैसियत से बहुत ज्यादा मिला है। गडकरी ने कहा, ‘मान लीजिये अगर मैं प्रधानमंत्री बन भी गया तो फुटपाथ पर खाने कैसे जाऊंगा? मैं जहां हूं, वहां हूं। अभी जेड प्लस है, उसी से मुझे बहुत तकलीफ है। मैंने सोने के पिंजरे में बैठने का सपना कभी देखा नहीं।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा: ‘आज की सच्चाई ये है कि आज हमारे देश में मोदी को चुनौती देनेवाला कोई नहीं है।’ गडकरी ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आडवाणी के सवाल पर ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहा रहे हैं। आडवाणी जी, जोशी जी पार्टी के संस्थापक रहे हैं, हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत रहे हैं। उनके प्रति किसी के मन में अपमान करने का कभी इरादा नहीं था। हम कल भी सम्मान करते थे, आज भी सम्मान कर रहे हैं और आगे भी सम्मान करेंगे। लेकिन उम्र का तकाज़ा है, आडवाणी जी 92 साल के हैं, मैं नागपुर, विदर्भ, मुंबई छो़ड़ अब दिल्ली में काम कर रहा हूं। दिल्ली के बाद मुझे भी रिटायर होना है, नए-नए लोगों को अवसर देना है। ये तो संभव नहीं कि मैं ही आखिरी तक बना रहूं। ये प्रकृति का बदलाव है और उम्र का तकाजा है।’