अगर आपको अपना पैसा डबल करना है तो पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम का उठाए लाभ

अगर आपको अपना पैसा डबल करना है तो पोस्ट ऑफिस की एक स्कीम 112 महीनों में आपका पैसा डबल होने की गारंटी दे रही है. जी हां, दरअसल यह स्कीम है किसान विकास पत्र यानी KVP.

आपको बता दें कि किसान विकास पत्र एक तरह का सर्टिफिकेट है, जिसे कोई भी व्‍यक्ति खरीद सकता है. इसे बॉन्‍ड की तरह जारी किया जाता है. दरअसल किसान विकास पत्र पर एक तय ब्‍याज मिलता है. यह छोटी बचत स्कीम्स में आता है और इन स्कीम्स के लिए ब्याज दर हर तीन महीने पर तय की जाती है.

क्या है ब्याज दर और मिनिमम डिपॉजिट

किसान विकास पत्र का लाभ लेने के लिए किया जाने वाला मिनिमम डिपॉजिट 1000 रुपये है. इसके बाद में आप 1000 रुपये के मल्टीप्लाई यानी गुना में अमाउंट बढ़ा सकते हैं. यानी 1500 या 2500 या 3500 का निवेश नहीं किया जा सकता. यहां निवेश 1 हजार, 2 हजार और 3 हजार के क्रम में होगा. इस पर मौजूदा ब्याज दर 7.7 % सालाना है.

कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं डिपॉजिट की

आपको बता दें कि फिलहाल KVP 1000, 5000, 10000 और 50000 रुपये के मूल्यवर्गों में उपलब्ध है. इसके अलावा इंडिया पोस्ट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, किसान विकास पत्र में इन्वेस्ट करने पर मौजूदा ब्याज दर के हिसाब से आपका पैसा 112 महीने यानी 9 साल 4 महीने की अवधि में डबल हो जाएगा.

किसान विकास पत्र लेते वक्त आपको एक आइडेंटिटी स्लिप दी जाती है. अगर कभी आपका सर्टिफिकेट फट जाए या खो जाए तो इसकी दूसरी कॉपी लेने में यह स्लिप काम आती है.

जानिए इसके फीचर्स

बता दें कि किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को कोई अडल्ट यानी वयस्क अपने नाम पर या किसी नाबालिग के नाम पर या दो वयस्कों द्वारा मिलकर खरीदा जा सकता है.

इसके अलावा अगर आपने पहले से सिर्फ अपने नाम पर किसान विकास पत्र खरीद रखे हैं तो भी बाद में किसी अन्य वयस्क व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से खरीद सकते हैं. इसी तरह, पहले से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ, संयुक्त रूप से इन सर्टिफिकेट को खरीद रखा है तो भी बाद में सिर्फ अपने नाम पर खरीद सकते हैं.

बता दें कि KVP को किसी भी विभागीय डाकघर से खरीद सकते हैं.

मालूम हो कि अगर आप केवीपी में 50 हजार रु से ज्‍यादा निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए पैन कार्ड जरूरी होगा.

वहीं अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करना चाहते हैं तो आमदनी के स्रोत का प्रमाणपत्र भी जमा करना पड़ता है.

बता दें कि इसमें नॉमिनी बनाने की सुविधा है.

मालूम हो कि KVP को जारी होने की तारीख से ढ़ाई साल बाद भुनाया जा सकता है. बता दें कि अगर आप किसान विकास पत्र को जारी होने के 1 साल के अंदर ही भुनाते हैं तो आपको ब्याज नहीं मिलेगा हालांकि साथ ही पेनल्टी भी देनी होगी. अगर KVP को जारी होने 1 साल बाद लेकिन ढाई साल पूरे होने से पहले भुनाया जाता है तो ब्याज मिलेगा लेकिन घटी हुई दर से मिलेगा.

इसकी एक और खास बात यह है कि लोन की जरूरत होने पर KVP को कोलेटरल के तौर पर यानी गिरवी रखा जा सकता है.

कर छूट का लाभ नहीं

बता दें कि किसान विकास पत्र में किया जाने वाला निवेश टैक्स के दायरे में आता है, यानी उसे टैक्स से छूट नहीं मिलती है. मालूम हो कि इस पर आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पूरी होने पर मिलने वाला पैसा भी पूरी तरह टैक्सेबल है.