अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पर ऐसे साधा निशाना और खोल दिये काले धन के ऐसे छिपे राज़

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधान जी सवा सौ करोड़ देशवासियों का भरोसा खोकर बंगाल के 40 विधायकों के तथाकथित दल-बदल के अनैतिक भरोसे तक सिमट गए हैं।

अखिलेश ने मंगलवार को एक ट्वीट के माध्यम से लिखा, विकास पूछ रहा है। प्रधान जी का शर्मनाक भाषण सुना क्या? सवा सौ करोड़ देशवासियों का भरोसा खोकर अब वो बंगाल के 40 विधायकों के तथाकथित दल-बदल के अनैतिक भरोसे तक सिमट गये हैं।

ये वो नहीं काले धन की मानसिकता बोल रही है। इसके लिए उन पर 72 घंटे नहीं बल्कि 72 साल का बैन लगना चाहिए।गौरतलब है कि बंगाल में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि कांग्रेस के 40 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और लोकसभा चुनाव के बाद ये लोग तृणमूल से नाता तोड़ लेंगे।

ये बात तब की है जब टीएन शेषन भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त थे. ये वो दौर था जब पहली बार राजनीतिक दलों और मतदाताओं को चुनाव आयोग की शक्तियों का अहसास हुआ.

शेषन की कार्यशैली से पहली बार राजनीतिक दल, उम्मीदवारों और सरकारी अमले के लोगों को ‘चुनाव अचार संहिता’ का अहसास हुआ.

चुनाव आयोग की कार्यशैली ने लोकतंत्र पर सबका विश्वास मज़बूत किया और अचार संहिता ने राजनीतिक दलों और सरकारी महकमे में क़ानून का डर पैदा किया.

हालांकि मज़ेदार है कि अचार संहिता ‘किसी क़ानून के दायरे’ में नहीं है. इस संहिता को सब राजनीतिक दलों की सहमति से बनाया गया था.

चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि इस संहिता को क़ानून के दायरे से इसलिए अलग रखा गया था ताकि इसकी आड़ में राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया में अड़चनें पैदा ना कर दें.

अगर हर छोटे छोटे मामलों को लेकर शिकायतकर्ता अदालत में चुनौती देते रहे तो चुनावी प्रक्रिया ही काफी लंबी हो जाएगी.