अखिलेश यादव का बड़ा बयान, कहा – गांवों में स्थिति और ज्यादा खराब…

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ‘सरकार झूठे आंकड़ों के सहारे जनता को बरगलाना चाहती है। कोरोना संक्रमित कर्मचारियों के ड्यूटी पर मौत के मामलों को छुपाकर मुआवजा देने से बचना चाहती है।

अपनी नाकामी छुपाने को कोरोना से मृतक संख्या को कम बता रही है। अगर उसकी नीयत साफ है तो वह सभी मृतकों की सूची क्यों नहीं जारी करती है? समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर मृतकों के परिवारजनों से मिलेंगे और उन्हें सांत्वना देगे, उनकी परेशानी पूछेगें। वैसे सभी पार्टीजनों से अपेक्षा है कि वे जरूरतमंदों की मदद करेगें और किसी को भूखा नहीं सोने देगे।

अखिलेश यादव ने कहा, ‘सच तो यह है कि भाजपा का कार्यकर्ता और आरएसएस स्वयंसेवक दोनों अपनी उपेक्षा के चलते विश्राम की मुद्रा में चले गए है। नेतृत्व उनके विद्रोही तेवरों से हैरान है।

जनता में समाजवादी पार्टी की पैठ से डरा सहमा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली से लखनऊ तक एसी कमरो में चिंतन-मनन, मंथन और भोजन के साथ लगातार बैठकों में लग गया है।

लेकिन हालात ये है कि इसके भेजे गए दूत एक को मनाते हैं तो दूसरा रूठ जाता है। सरकार और संगठन में दरार-रार पाटने के लिए ट्वीट पर ट्वीट कर किसी तरह अपना पिंड छुड़ाकर नेतागण विश्राम मुद्रा में चले जा रहे है।

विधानसभा चुनाव 2022 में होने है, लेकिन कोरोना वायरस से ज्यादा भाजपा सरकार के कुशासन से जनता त्रस्त है। यह बात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहीं।

अखिलेश यादव ने कहा, ‘कोरोना और फंगस संक्रमण के इलाज में लापरवाही के चलते लाखों जाने गई हैं। गांवों में स्थिति तो और ज्यादा खराब है। वहां दवा, इलाज की अव्यवस्था है।

कानून व्यवस्था चौपट है। अब भाजपा नेतृत्व को लगने लगा है कि उसके राज में सरकार के बस कुछ ही दिन शेष बचे हैं सत्ता हाथ से जा रही है।इसलिए हड़बड़ाहट में भाजपा नेतृत्व दिल्ली से लखनऊ तक दौड़ लगाने लगा है।’