अखाड़ों के नागा साधु कल से करेंगे अयोध्या कूच

प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के निर्णय के अनुसार लाखों की संख्या में अखाड़ों के नागा साधु 4 व 5 दिसम्बर को राममंदिर निर्माण के लिए अयोध्या कूच करेंगे। विवादित ढांचा विध्वंस की तिथि 6 दिसम्बर नजदीक आने के साथ ही रामनगरी में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। शिवेसना के आशीर्वाद समारोह व विहिप की विराट धर्मसभा के बाद अब नागा साधुओं के अयोध्या कूच का एलान किया है। राममंदिर निर्माण में हो रही देरी से साधु-संतों में आक्रोश बढ़ रहा है।

विभिन्न आयोजनों के माध्यम से राममंदिर मसले पर सरकार पर दबाब बनाने का भी कार्य हो रहा है। अब अखाड़ा परिषद भी इस मामले में कूद पड़ी है। 6 दिसम्बर को ही तपस्वी छावनी के महंत परमहंसदास ने आत्मदाह करने की घोषणा कर रखी है। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए हो रहे धार्मिक अनुष्ठानों का सिलसिला बना हुआ है। अयोध्या की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। प्रशासन का कहना है कि शांति व्यवस्था कायम रहे इसके लिए हर संभव प्रयास करने को सतत प्रतिबद्ध हैं। माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। आगामी 4 व 5 दिसम्बर को नागा-साधुओं के अयोध्या कूच के एलान के बाद हलचल बढ़ गई है। विहिप ने अखाड़ा परिषद के कूच के आयोजन पर अपनी किसी सहमति से इनकार करते हुए कहा कि संतों ने पहले ही विराट धर्मसभा में राममंदिर के लिए धर्मादेश लाने का फैसला किया है।

सोमवार को बातचीत में विहिप के अवध प्रांत मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि विहिप संतों के निर्देशानुसार कुछ करती है। अब कूच का क्या मतलब जब धर्मसभा में संतों ने राममंदिर के लिए धर्मादेश कर ही दिया है। उन्होंने कहा कि राम के प्रति सभी की अपनी अलग-अलग अभिव्यक्ति है। नागा साधु भी अपनी अभिव्यक्ति लेकर आ रहे होंगे। 09 दिसम्बर को दिल्ली में विराट धर्मसभा फिर होनी जा रही है, जो राममंदिर के लिए जनजागरण करेगी। रामजन्मभूमि मामले में पक्षकार अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने बताया कि विराजमान रामलला की मूर्ति को लेकर पहला केस हमारे गुरु महंत अभिरामदास जी ने किया था। अब लोग अलग-अलग ट्रस्ट, संस्था बनाकर अधिग्रहीत परिसर की भूमि सरकार से लेने के लिए दबाव बना रहे हैं।

उधर, नागा साधुओं का कहना है कि इसे लेकर खामोश नहीं बैठेंगे। हम डीएम से 4 दिसम्बर को अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि के साथ दर्शन-पूजन की और 5 दिसम्बर को नागा साधुओं के लिए कार्यक्रम की मंजूरी मांगेंगे| मंजूरी मिलेगी तभी कार्यक्रम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य राममंदिर के लिए कोई बवाल करना नहीं है, बल्कि सही तथ्य रखना है कि राष्ट्रपति मामले के जल्द सुनवाई को लेकर बेंच बनाने का निर्देश दें। नियमित सुनवाई शुरू होने से हमारे व मुस्लिम पक्षकारों के बीच सुलह-समझौते का मामला भी कोर्ट में आ सकता है और राममंदिर निर्माण की अड़चनें दूर होंगी। मामले की जल्द सुनवाई के लिए राष्ट्रपति के साथ ही प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष आदि को भी पत्र लिखा गया है, लेकिन कहीं से जवाब नहीं आया है। इस बीच, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या में बार-बार भीड़ जुटाने से क्या फायदा होगा। अयोध्या मामला सुप्रीम कोर्ट में है| अदालत जो निर्णय देगी, मानेंगे। ऐसे में कूूच, सभा से कुछ नहीं होने वाला है।