स्वामी सानंद की मौत पर उठे सवाल

श्रीविद्यामठ के की मौत को मर्डर बताया है अविमुक्तेश्वरानंद ने बोला कि ये कैसे हो सकता है कि जो आदमी आज प्रातः काल तक स्वस्थ अवस्था में रहे  अपने हाथ से ही प्रेस विज्ञप्ति लिखकर जारी करें वह 111 दिनों तपस्या करते हुए आश्रम में तो स्वस्थ रहे पर अस्पताल में पहुंचकर एक रात बिताते ही, उनकी उस समय मृत्यु हो जाए जब वह स्वयं ही उनके बॉडी में आई पोटेशियम की कमी को दूर करने के लिए मुख से  इंजेक्शन के माध्यम से पोटेशियम लेना स्वीकार कर लिया हो

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गंगा अभियान नहीं रुकेगा: अविमुक्तेश्वरानंद
उन्होंने आरोप लगाया कि हमें पूरी तरह से ये लगता है कि स्वामी सानंद मर्डर हुई है अविमुक्तेश्वरानंद ने गंगा की अविरल धारा की मांग को लेकर तपस्या कर रहे अपने शिष्य स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के आकस्मित हुई मौत पर सवाल खड़े किए उन्होंने बोला कि यह बताया जा रहा है कि उनको हार्ट अटैक आया उन्होंने बोला कि ये गवर्नमेंट यदि ये संदेश देना चाहती है कि जो गंगा की बात करेगा, उसकी मर्डर हो जाएगी उन्होंने बोला कि इस राष्ट्र में गंगा के लिए पहले भी हमारे पूर्वजों ने बलिदान किया है  आज भी गंगा भक्त गंगा के लिए कुछ भी कर गुजरने से पीछे नहीं हटेंगे उन्होंने बोला कि स्वामी सानंद के चले जाने से गंगा अभियान नहीं रुकेगा, ये निरंतर चलता रहेगा

मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रोफेसर जी डी अग्रवाल (स्वामी सानंद) की मौत को गवर्नमेंट के इशारे पर की गई मर्डर करार दिया है उनका आरोप है कि हरिद्वार जिला प्रशासन, एम्स के डायरेक्टर  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्वामी सानंद की मर्डर के लिए जिम्मेदार हैं उन्होंने इन सभी जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध मर्डर का मुकदमा दर्ज करने  उन्हें अरैस्ट करने की मांग की है   स्वामी शिवानंद सरस्वती ने बोला कि पीएम नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि मां गंगा ने उन्हें क्या इसीलिए बुलाया था कि वे गंगा भक्तों का बलिदान लेते रहें गुरुवार (11 अक्टूबर) दोपहर बाद जैसे ही स्वामी सानंद की मौत की समाचार मिली तो मातृ सदन परिसर में शोक छा गया मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि स्वामी सानंद की मौत नहीं हुई है

गंगा महासभा भी गवर्नमेंट से नाराज
प्रोफेसर जी डी अग्रवाल (स्वामी सानंद) की मौत मामले को लेकर गवर्नमेंट के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाली गंगा महासभा नाराज दिख रही है गंगा महासभा ने गवर्नमेंट पर गंगा की अविरलता को लेकर जारी किए गए नोटिफिकेशन सहित गवर्नमेंट के गंगा पर किेए जा रहे कार्यों से न सिर्फ नाराजगी दिखाई, बल्कि स्वामी सानंद की मौत को भी गवर्नमेंट मंत्रालय के तानाशाही से जोड़ दिया है गंगा महासभा ने गवर्नमेंट से अपील की है कि अब सानंद जी के गंगा बिल में बिना किसी परिवर्तन के गवर्नमेंट को लाना चाहिए  गंगा पर कानून बनाना चाहिए

साढ़े चार वर्ष में कितनी सफाई हुई: कांग्रेस 
उत्तराखंड के पूर्व CM  कांग्रेस पार्टी नेता हरीश रावत ने बोला कि स्वामी सानंद ने अपने प्राण दे दिए या कहूं कि प्राण ले लिए गए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी उनकी मर्डर हुई है, यदि गवर्नमेंट ने थोड़ी भी संवेदना दिखाई होती तो वो हमारे बीच रहते कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मीम अफजल ने बोला कि बहुत ही अफ़सोस की बात है कि स्वामी सानंद ने गंगा के लिए अपनी जान दी है  जो गंगा मां के बेटे थे, वो ऐश कर रहे हैं जिन्होंने दावा किया था गंगा मां ने बुलाया था आज यूपी के लोग गंगा मैया के जबरदस्ती बनाए हुए बेटे, उनकी तरफ उम्मीद की नजर से देख रहे हैं गंगा  जमुना की सफाई हो, इससे इस राष्ट्र का एक-एक वासी मुटकीफ है, वो चाहता है गंगा  जमुना की सफाई हो लेकिन हम पूछना चाहते हैं की पिछले साढ़े चार वर्ष में गंगा की कितनी सफाई हुई है

आपको बता दें कि गंगा की अविरलता  निर्मलता को बनाए रखने के लिए विशेष एक्ट पास कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद का गुरुवार (11 अक्टूबर) को अखिल इंडियन आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में आखिरी सांस ली स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद 22 जून से गंगा के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर अनशन पर थे वो आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर भी रह चुके हैं इनका नाम प्रो, जीडी अग्रवाल था सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से बातचीत विफल होने के बाद स्वामी सांनद ने मंगलवार (09 अक्टूबर) जल भी त्याग दिया था