सीजेआई ने बताया सुनवाई से हटने का कारण

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एम नागेश्वर राव की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी थी। NGO कॉमन कॉज ने वकील प्रशांत भूषण के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।
सीजेआई ने बताया सुनवाई से हटने का कारण

सीजेआई रंजन गोगोई ने खुद को ये कहते हुए अलग कर लिया है कि वे नए सीबीआई चीफ की नियुक्ति वाली सेलेक्ट कमेटी का हिस्सा हैं और यह केस नहीं सुन सकते हैं। अब 24 जनवरी को इस मामले में दूसरे बेंच सुनवाई करेगी। इस याचिका में सीबीआई निदेशक के लिए शॉर्ट-लिस्टिंग, चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की भी मांग की गई थी।

नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया था

इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून- 1946 की धारा 4 ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के तहत केंद्र को CBI का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। बता दें कि आलोक वर्मा पर आरोप लगने के बाद पीएम मोदी की अगुवाई वाली उच्च स्तरीय सेलेक्शन कमेटी ने उन्हें सीबीआई के निदेशक पद से बर्खास्त कर दिया था।

आलोक वर्मा को सेलेक्ट कमेटी ने हटाया था

तीन सदस्यीय कमेटी ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाने का फैसला 2-1 से लिया था। इसके बाद एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया गया था। जबकि नागेश्वर राव की नियुक्ति को लेकर सियासत तेज हो गई थी। NGO कॉमन कॉज ने प्रशांत भूषण के जरिए इस नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।