
दरअसल, सार्क मीटिंग संयुक्त देश महासभा से अलग न्यूयॉर्क में ही हुई थी जिसमें सार्क के राष्ट्रों ने हिस्सों लिया यानि उसमें उन राष्ट्रों के विदेशमंत्री शामिल हुए थे। इस मीटिंग में तनाव की स्थिति तब देखने को मिली जब हिंदुस्तान व पाक के बीच ये स्थिति बन गई। इंडियन विदेशमंत्री सुषमा स्वराज इस मीटिंग में अपने सम्बोधन के बाद मीटिंग से निल गई थी जो बात पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह को जरा पसंद नहीं आई। स्वराज के सम्बोधन के बाद का सम्बोधन था जिसे वो बिना सुने चली गयीं। लेकिन विदेश मंत्री के जाने के बाद हिंदुस्तान की तरफ से विदेश सचिव विजय गोखले मीटिंग में मौजूद थे।
इस पर असहमति जताते हुए महमूद ने बोला कि ‘अगर हम इस फोरम से कुछ चाहते हैं तो हमें आगे बढ़ना होगा लेकिन यह क्या उपाय है? मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि अगर सार्क की प्रगति में कोई बाधक है तो वह एक राष्ट्र का रवैया है। ‘ उनका कहना है कि स्वराज से उनकी कोई बात नहीं व वह बीच में ही चली गयीं। इसी को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि शायद उनकी तबियत अच्छा नहीं है व उन्होंने स्वराज के सम्बोधन को सुना जिसमें क्षेत्रीय योगदान की बात कही गई है। क्षेत्रीय योगदान कैसे संभव हो सकता है जब सभी बैठकर वार्ता करने के लिए तैयार हैं व आप उसे ब्लॉक कर रहे हैं?। इसी माहौल से मीटिंग में थोड़ा तनाव देखने को मिला।