सरकारी कंपनियों में निवेशकों के जले हाथ

शेयर मार्केट में सरकारी कंपनियों के लिए 2018 दर्दनाक साबित हुआ है रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक एरिया की कंपनियों के मार्केट पूंजीकरण में इस वर्ष चार लाख करोड़ रुपये की कमी आई है यानी निवेशकों की इतनी रकम इस वर्ष मार्केट में डूब गई ऐसा बैड लोन  कच्चे ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हुआ

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74 कंपनियों के गिरे शेयर 
शेयर मार्केट में लिस्टेड 76 सरकारी कंपनियों में से 74 कंपनियों के शेयर गिरे हैं नीरव मोदी के घोखे का सामना करने वाले पंजाब नेशनल बैंक के शेयर में सबसे अधिक 65 फीसदीकी गिरावट आई रेलवे कोच  कंस्ट्रक्शन उपकरण बनाने वाली कंपनी बीईएमएल लिमिटेड के शेयर इस वर्ष 62 फीसदी गिरे हैं

सिर्फ दो शेयर रहे फायदे में 
इस वर्ष फायदे में सिर्फ दो शेयर रहे- कोल इंडिया लिमिटेड  गेल इंडिया लिमिटेड दोनों के शेयर में महज एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई कोल इंडिया को क्षमता प्लांट में स्टाक कम होने  कीमतों में बढ़ोतरी का लाभ मिला इसी तरह कच्चे ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी  पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में सुधार का लाभ गेल इंडिया को मिला

बैंकों का हुआ बुरा हाल 
इस वर्ष हिंदुस्तान में शेयर मार्केट में उथल-पुथल रही हालांकि बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स में चार फीसदी की बढ़त देखने को मिली, लेकिन ट्रेड वार, ऑयल कीमतों में तेजी  रुपये की कमजोरी जैसी चिंताओं के चलते एनएसई निफ्टी 500 इंडेक्स चार फीसदी की गिरावट देखने को मिली सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली सरकारी कंपनियों में तीन बैंक, दो शिपिंग फर्म  एक डिफेंस कंपनी हैं

इस दौरान सिंडिकेट बैंक  आईएफसीआई के शेयर 61 फीसदी गिरे मद्रास फर्टिलाइजर, हिंदुस्तान इम्युनोलॉजिस्ट, शिपिंग कार्प  बीईएल के शेयरों में 50 फीसदी से अधिक गिरावट देखने को मिली कच्चे ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते सरकारी ऑयल कंपनियों पर मार पड़ी  भारतीय तेल  हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयर में 20 फीसदी से अधिक गिरावट दर्ज की गई