प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने अब जनता से जुड़े सवालों को लेकर सड़कों पर उतरने का निर्णय किया है. पार्टी के अनुषांगिक संगठनों के राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्षों की बुधवार को यहां पार्टी ऑफिस में हुई मीटिंग में अपने दम पर सियासी विकल्प तैयार करने का संकल्प दोहराया गया.

राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने फिर स्पष्ट किया कि अफवाहों पर ध्यान न दें, प्रसपा का न तो किसी से गठबंधन होने जा रहा है व न किसी पार्टी में विलय. उन्होंने बोला कि वह नेताजी की राह पर समाजवादी धारा की पॉलिटिक्स को शक्तिशाली बनाने का संकल्प लेकर कार्य करेंगे.
राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव के प्रस्ताव पर अनुषांगिक संगठनों को वैसे खत्म न करने का निर्णय किया गया. अपनी जमीन मजबूत बनाने जुटी प्रसपा सदस्यता अभियान चलाएगी व कार्यकर्ताओं के लिए जिलों में प्रशिक्षण शिविर लगाएगी.
असली लक्ष्य 2022, बोले-राजनीति में जितनी बड़ी पराजय उतनी बड़ी जीत
जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में शिवपाल ने सभी का उत्साह बढ़ाया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से हताश होने की आवश्यकता नहीं है. पॉलिटिक्स में जितनी बड़ी पराजय होती है आगे उतनी बड़ी जीत भी मिलती है. उत्साह की बात है कि प्रसपा प्रत्याशी 11 राज्यों में चुनाव लड़े व वहां समर्थन मिला. उनका लक्ष्य 2022 का विधानसभा चुनाव है.