शताब्‍दी को भी मात देगी हिंदुस्तान में बनी इंजन रहित ट्रेन

इंडियन रेलवे की 30 वर्ष पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस का जगह लेने वाली ट्रेन 18 आगामी 29 अक्टूबर को पटरियों पर परीक्षण के लिए उतरेगी यह राष्ट्र की पहली इंजन-रहित ट्रेन होगी यह ट्रेन सेल्फ प्रपल्शन मॉड्यूल पर 160 किलोमीटर प्रति किलोमीटर की गति तक चल सकती है इसकी तकनीकी विशिष्टताओं के चलते इसकी गति सामान्य ट्रेन से अधिक होगी  Related image

ट्रेन में मौजूद होंगे कुल 16 कोच
कुल 16 कोच वाली यह ट्रेन सामान्य शताब्दी ट्रेन के मुकाबले कम वक्त लेगी इस ट्रेन को शहर में स्थित इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा 18 महीने में विकसित किया गया हैआईसीएफ के महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने पीटीआई भाषा को बताया कि इसकी प्रतिकृति बनाने में 100 करोड़ रूपये की लागत आयी  बाद में इसके उत्पादन की लागत कम हो जायेगी

ट्रेन के मध्य में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमेंट
उन्होंने बताया कि इसका अनावरण 29 अक्टूबर को किया जायेगा इसके बाद तीन या चार दिन फैक्ट्री के बाहर इसका परीक्षण किया जायेगा  बाद में इसे रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) को आगे के परीक्षण के लिए सौंप दिया जायेगा इस ट्रेन के मध्य में दो एक्जिक्यूटिव कंपार्टमेंट होंगे प्रत्येक में 52 सीट होंगी वहीं सामान्य कोच में 78 सीटें होंगी

इस गति से चलेगी ट्रेन
शताब्दी की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे है जबकि यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक चल सकेगी यदि ‘ट्रेन18’ की गति के मुताबिक पटरी बना ली जाये तो यह शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले 15 फीसदी कम समय लेगी ट्रेन18 में जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली के अतिरिक्त अलहदा तरह की लाइट, आटोमेटिक दरवाजे  सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे शताब्दी ट्रेन को 1988 में प्रारम्भ किया गया था  इस वक्त यह राष्ट्र के मेट्रो शहरों को अन्य प्रमुख नगरों से जोड़ने वाले 20 से अधिक रेलमार्ग पर संचालित हो रही है

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