न्यूजीलैंड की धरती पर विराट कोहली पर जीतने का जुनून सवार था. ये जुनून सीरीज के पहले 3 वनडे में विराट की कप्तानी में खूब दिखा. लेकिन, 5 वनडे मैचों की सीरीज के पहले 3 मुकाबले जीतने के बाद जब सीरीज पर टीम इंडिया का कब्जा हो गया तो विराट कोहली को आराम दे दिया गया. विराट के आराम पर जाने के बाद कप्तानी की बागडोर अब सीरीज के बाकी मुकाबलों के लिए रोहित शर्मा के हाथों में आ गई है. मतलब ये कि न्यूजीलैंड को हराते रहने का जो खेल विराट कोहली ने शुरू किया था उसे अब अंजाम तक रोहित शर्मा को पहुंचाना है. और, इसमें टीम इंडिया के हिटमैन कामयाब भी होंगे. वो विराट की कमान में मिली सीरीज जीत को क्लीन स्वीप की शक्ल दे पाएंगे, इसकी गवाही उनके पिछले रिकॉर्ड भी देते हैं.
कप्तानी शानदार, बल्लेबाजी दमदार
भारत के लिए बतौर कप्तान रोहित का करियर ज्यादा लंबा नहीं है लेकिन जितना है दमदार है. रोहित ने अब तक 8 वनडे में भारत की बागडोर संभाली है, जिसमें 7 जीते और सिर्फ 1 मुकाबला हारे हैं. यानी, उनकी जीत का प्रतिशत 87.5 का रहा है. खास बात ये है कि जो एक मुकाबला रोहित ने गंवाया वो उनका बतौर कप्तान पहला वनडे मुकाबला था. यानी, उसके बाद उन्होंने लगातार 7 मैच जीते हैं. आंकड़ों के जरिए रोहित जितने बड़े कप्तान नजर आते हैं अपनी कप्तानी में वो उतने ही बड़े बल्लेबाज भी हैं. बतौर कप्तान रोहित ने 8 वनडे में 106.8 की औसत के साथ 534 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक शामिल हैं.
हैमिल्टन में चलेगा ‘हिटमैन’ का ‘हथौड़ा’
भारत और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज का चौथा मुकाबला हैमिल्टन में हैं. यहां खेले 5 वनडे में भारत सिर्फ 1 ही जीत सका है जबकि 4 में उसे मुंह की खानी पड़ी है. मतलब, रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. लेकिन , रोहित की कप्तानी का रिकॉर्ड भारत के जीत की गारंटी बन सकता है. इसके अलावा इस मैदान पर रोहित की बल्लेबाजी का औसत भी करीब 50 यानी कि 49.50 का है. यहां खेली 2 पारियों में उन्होंने 1 अर्धशतक के साथ 99 रन बनाए हैं.
जीतने की पर्सनल वजह
इन सबके अलावा रोहित शर्मा के पास हैमिल्टन वनडे को जीतने की पर्सनल वजह भी है. और वो ये कि ये उनके करियर का 200वां वनडे हैं, जिसका जश्न वो न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में क्लीन स्वीप की ओर एक और कदम बढ़ाकर मनाना चाहेंगे.