रेलवे स्टेशनों पर इतिहास बन सकता है टाइमपास

राष्ट्र भर के तमाम प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कई तरह के स्टॉल होते हैं, जिन पर कई सारी वस्तुओं को यात्री खरीद सकते हैं. इन स्टॉल पर अखबार,किताबों से लेकर के खाने-पीने दवाइयों का सामान भी मिलता है. लेकिन एक ऐसी पुरानी कंपनी का स्टॉल है जो जल्द ही इतिहास बन सकता है. अगर ऐसा हुआ तो लाखों लोगों का रोजगार तो प्रभावित होगा ही, इसके साथ ही इस पुरानी कंपनी के बंद होने का खतरा भी बढ़ जाएगा.
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रेलवे बोर्ड ने दिया यह प्रस्ताव

रेलवे बोर्ड ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बने स्टालों की संख्या को कम करने का है. जो स्टॉल बचेंगे वो हर तरह का सामान बेच सकेंगे, जिनका प्रयोग यात्री करते हैं. इससे सबसे बड़ा खतरा अखबार, पत्रिकाएं  अन्य किताबें बेचने वाले ए एच व्हीलर्स को हो जाएगा, क्योंकि इसके स्टॉल को भी हटाने का रेलवे ने निर्णय किया है.

फिर से नहीं होगा अनुबंध

रेलवे का फिल्हाल व्हीलर्स के साथ जो अनुबंध है, उसमें वो रेलवे को अपनी सालाना बिक्री का 5 प्रतिशत कमीशन देता है. प्रत्येक स्टॉल के लिए व्हीलर्स का रेलवे के साथ करार होता है इसके लिए बकायदा अनुबंध किया जाता है. रेलवे अब फिल्हाल चल रहे अनुबंध का नवीनीकरण नहीं करेगा. ऐसे में राष्ट्र की सबसे पुरानी कंपनियों में से एक व्हीलर्स के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है.

मुंबई में मध्य रेलवे को 18 व्हीलर्स के स्टॉल बंद करने के लिए बोला जा चुका है. हालांकि रेलवे बोर्ड के इस प्रस्ताव का स्टॉलों पर कार्य करने वाले लोगों ने विरोध करना प्रारम्भ कर दिया है. स्टॉल संचलाकों का कहना है कि रेलवे के इस कदम से उनके व्यापार  आमदनी पर फर्क पड़ेगा. साथ ही कई लोग जो इन स्टॉल पर 24 घंटे कार्य करते हैं वो बेरोजगार हो जाएंगे.

एक ठेकेदार को मिलेंगे केवल 10 स्टॉल

इस प्रस्ताव में बोला गया है कि एक ठेकेदार को पूरे जोन में कुल 10 स्टॉल खोलने को मिलेंगे. अभी एक ठेकेदार पूरे जोन में कितने भी स्टॉल खोल सकता है. इस तरह से रेलवे ठेकेदारों पर भी नकेल कसना चाहता है लेकिन इससे इनकी कमाई भी प्रभावित होगी. अगर इन ठेकेदारों के पूरे जोन में 10 से ज्यादा स्टॉल होंगे तो फिर उनको बंद कर दिया जाएगा

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