राष्ट्र के बाद विदेश में जमा ब्लैक मनी पर नकेल कसने की तैयारी

भारत गवर्नमेंट राष्ट्र के बाद विदेश में जमा ब्लैक मनी पर नकेल कसने की तैयारी में है. अब तक 154 राष्ट्रों के साथ हुए समझौते में तमाम सूचनाएं वित्त मंत्रालय के खुफिया विभाग के पास पहुंची हैं. पांच हजार के करीब दस्तावेजों को सौ से भी ज्यादा राष्ट्रों ने हिंदुस्तान के साथ साझा किया है. इसमें विभिन्न कर हैवेन राष्ट्रों में जमा हिंदुस्तानियों के जमा धन का भी पता मंत्रालय को लगा है. फिल्हाल सरकारी एजेंसियां कड़ी मिलाने में लगी हुई हैं. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले कई ऐसे नामों का खुलासा किया जाएगा, जो पॉलिटिक्स में हैं  विदेशों में उनके द्वारा बड़े पैमाने पर कालाधन एकत्र किया गया है.

वित्तीय खुफिया विभाग (एफआईयू), गंभीर धोखाधड़ी वित्तीय ऑफिस (एसएफआईओ), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)  केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) समेत कई एजेंसियां राजस्व सचिव के नेतृत्व में इस पहलू पर कार्य कर रही हैं. मंत्रालय के मुताबिक अब तक करीब 90 राष्ट्रों द्वारा अहम दस्तावेजों को हिंदुस्तान के साथ साझा किया जा रहा है, जो कर चोरी जैसे पहलुओं से संबंधित हैं.

नोटबंदी के बाद से लगातार 154 राष्ट्रों से गवर्नमेंट ने दस्तावेजों के आदान प्रदान को लेकर गठबंधन की थी. साथ ही राष्ट्र के भीतर कार्य कर रही एजेंसियों के बीच भी दस्तावेजों सूचनाओं को एकदूसरे से साझा करने को मंजूरी प्रदान की गई थी. राष्ट्र में ब्लैक मनी पर नकेल कसने के लिए तमाम तरीकों का नतीजा सबके समाने है. एक लाख 30 हजार करोड़ रुपये की अघोषित संपत्तियां कर के दायरे में आई हैं. इसमें 50 हजार करोड़ की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं. कर चोरी  नकदी रखने वाले आय के स्त्रोत बताने के लिए मजबूर हैं.

पिछले वर्ष स्विस बैंक बीआईएस की तरफ से आंकड़े जाहिर कर बोला था कि 2017 में ब्लैक मनी में 34.5 प्रतिशत की कमी आई है. उसने बोला था कि मोदी गवर्नमेंट में कालाधन 80 प्रतिशत कम हुआ है. नोटबंदी के बाद वित्त मंत्रालय ने कर हैवेन राष्ट्रों में जमा ब्लैक मनी का पता लगाने के लिए अमेरिका, यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया  पश्चिम एशिया समेत तमाम राष्ट्रों से समझौता किया था.

इस क्रम में आतंकी संगठनों को होने वाली फंडिंग के विरूद्ध अमेरिका के आगे आने से ब्लैक मनी के विरूद्ध समझौता प्रक्रिया को भारी बल मिला. दूसरी ओर से राष्ट्र में सीबीडीटी, एफआईयू, प्रवर्तन निदेशालय  CBI समेत विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों की मदद से 6900 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियां  1600 करोड़ रुपये की विदेशी परिसंपत्तियां जब्त कर ली गईं. इस दौरान कॉर्पोरेट मंत्रालय ने 3.38 हजार मुखौटा कंपनियों की पहचान की. चार वर्ष में करीब 11 हजार कंपनियों पर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) ने अभियोग प्रारम्भकिया है जबकि 271 के विरूद्ध सघन जांच की गई है.

बताते चलें कि हाल ही में इनकम टैक्स विभाग को तमाम राष्ट्रों से ब्लैक मनी से जुड़ी सूचनाएं मिली हैं. इन सूचनाओं के आधार पर बड़े मामलों में 500 लोगों को नोटिस भी भेजा गया है. इस दौरान केंद्रीय एजेंसियां लगातार ब्लैक मनी जमा करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई कर रही हैं.