राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश की राजनीति में ला दिया तूफान

विधानसभा चुनाव के पहले सोशल मीडिया पर वायरल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान ला दिया है. RSS की रिपोर्ट में सीएम शिवराज और सरकार के मंत्रियों के कामकाज पर सवाल खड़े किए गए हैं.

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आरएसएस के नाम के साथ एमपी में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत शिवराज सरकार के मंत्रियों की नींद उड़ा दी है. विधानसभा चुनाव से पहले वायरल हो रही लिस्ट में ज्यादातर मंत्रियों के काम-काज पर असंतोष जताया गया है. दो पन्नों की ये सूची वायरल होते ही बीजेपी नेताओं के होश फाख्ता हो गए हैं. बीजेपी ने इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है.

वायरल रिपोर्ट में सबसे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान पर उंगली उठाई गई है, उन्हें बुधनी की जगह विदिशा से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया गया है. वहीं रिपोर्ट में शिवराज सरकार के कई मंत्रियों का टिकट काट किसी और को मौका देने की बात कही गई है.

बीजेपी ने इसके लिए भले ही कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इस रिपोर्ट से उसका कोई लेना देना नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि ”इससे पहले भी आरएसएस ने खुद कहा है कि 80 नाम काटो और शिवराज सिंह को बुधनी से हटाओ, ये तो आरएसएस खुद बोल रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इसमें कोई हाथ नहीं क्योंकि झूठ फैलाने में आरएसएस और बीजेपी को महारथ हासिल है.

चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर फेक लिस्ट का ये कोई पहला मामला नहीं है. इसकी शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस के उम्मीदवारों की एक कथित सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई जो बाद में फर्जी निकली. इसके कुछ ही दिन बाद बीजेपी उम्मीदवारों की सूची भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई. ये सूची भी फर्जी निकली और अब आरएसएस की फर्जी रिपोर्ट वायरल होने के बाद इतना तय है कि इस बार विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर झूठ का बोलबाला है.