
गुजरात की सेहत आयुक्त जयंती रवि ने रविवार को कहा, ‘अभी तक केवल एक मामला सामने आया है. सभी हर तरह की सावधानी बरत रहे हैं.‘ राज्य के सेहत विभाग ने हजारों डॉक्टरों व मेडिकल कर्मियों को जीका की आपात स्क्रिनिंग के लिए तैयार रखा है. राजस्थान की दक्षिण सीमा से सटे गुजरात के जिलों की जिन गर्भवती स्त्रियों को बुखार है उनकी जांच की जा रही है. वहां के सार्वजनिक स्थलों में इस वायरस को फैलाने वाले मच्छरों को मारने के तरीका किए जा रहे हैं.
अधिकारियों ने बताया, सितंबर महीने में राजस्थान के सेहत प्राधिकारियों ने जीका के 144 मामले सामने आए थे. राजधानी जयपुर के लगभग 4,40,000 लोग पिछले महीने से सर्विलांस में हैं. जीका वायरस व डेंगू बुखार फैलाने वाले एडीस मच्छर राष्ट्र में व्यापक रूप से व्यापत है. हिंदुस्तान में पहली बार 2017 में जीका वायरस का मामला गुजरात में सामने आया था. लेकिन हालिया मामला राज्य में इस वर्ष का पहला है.
2015 में जीका वायरस पूरी संसार में बहुत तेजी से फैला था. इसकी चपेट में 70 से ज्यादा राष्ट्रों के 1.5 मिलियन लोग आए थे. जिसमें सबसे ज्यादा मामले दक्षिण अफ्रीका के थे. दुर्लभ मामलों में यदि गर्भवती महिला इस वायरस की चपेट में आती है तो बच्चे के दिमाग पर प्रभाव पड़ सकता है. वर्ष 2017 में तमिलनाडु में भी जीका वायरस पाया गया था. विश्व सेहतसंगठन का कहना है कि वर्ष 2020 से पहले इस बिमारी का कोई टीका उपलब्ध नहीं हो सकता है.