महिला का उत्पीड़न करने के दोषी, भारतीय मूल के एक व्यक्ति को 6 वर्ष की कैद

एक महिला का उत्पीड़न करने के दोषी, भारतीय मूल के एक व्यक्ति को यहां 6 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। लंदन में इज्लेवर्द क्राउन कोर्ट में 35 वर्षीय सरताज भांगल को शुक्रवार को 6 वर्ष की सजा सुनाई गई। उसने पूर्व में सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था कि उसने हिंसा का डर उत्पन्न करने के लिए हथियार रखा था।

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मेट्रोपॉलिटन पुलिस, वेस्ट एरिया कमांड यूनिट के डिटेक्टिव कॉन्स्टेबल निकोला केरी ने इस मामले की जांच की थी। उन्होंने कहा कि सरताज भांगल ने बिना किसी उकसावे के पीड़ित को करीब 5 वर्ष तक परेशान किया। इसमें वे समय भी शामिल है जब वह कैद में रिमांड पर था।

उन्होंने कहा कि सरताज ने ऐसा क्यों किया, ये पता नहीं है। लेकिन उसकी निर्ममता बढ़ती गई। पीड़ित और उसका परिवार जांच में सहयोग देने के लिए सराहना के पात्र हैं। उम्मीद है कि भांगल के जेल में रहने से उन लोगों को कुछ राहत तो मिलेगी। पुलिस ने बताया कि भांगल की पीड़ित से पहचान 2013 में सोशल मीडिया के जरिये हुई थी।

उसकी कठोर भाषा की वजह से पीड़ित ने उसे अपने अकाउंट्स से ब्लॉक कर दिया। लेकिन अगले तीन साल तक भांगल किसी न किसी तरह उससे संपर्क करते रहा। 2016 में उसने नौ पन्ने का एक पत्र भेज दिया जिसमें उसने कहा था कि अगर पीड़ित उसकी उपेक्षा करेगी तो वह अपना संतुलन खो देगा।

एकतरफा संपर्क के इस सिलसिले ने एक साल बाद नया मोड़ ले लिया जब भांगल पीड़ित को फोन करने लगा। उसने मई 2017 में एक और पत्र पीड़ित के पते पर भेज दिया। तब पीड़ित ने पुलिस में सूचना दी और भांगल को गिरफ्तार किया गया।

सुनवाई के इंतजार में रिमांड के दौरान भांगल ने जेल में किसी तरह मोबाइल फोन का इंतजाम कर फिर से पीड़ित को परेशान करना और हिसा की धमकी देना शुरू कर दिया। इस साल 3 जुलाई को पीड़ित को 80 पन्नों का पत्र मिला। उसकी भाषा अत्यंत आपत्तिजनक और धमकाने वाली थी।

पत्र में पीड़ित पर तेजाब फेंकने की धमकी दी गई थी। इसमें पीड़ित की सोशल मीडिया से ली गई तस्वीरें तथा हिंसा में घायल लोगों की तस्वीरें भी थीं। भांगल के घर की तलाशी में हथियार, ग्रेनेड, समुराई तलवार और अम्लीय पदार्थ पाए गए। उस पर हथियार रखने तथा उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे।