ब्रैस्ट कैंसर के 12 मिथक आपको कर सकते है हैरान

ब्रैस्ट कैंसर पर कई  शोध किये गए हैं और इससे सम्बंधित डॉक्टरों से हमने काफी  जानकारी  हासिल कर इस बीमारी और उससे जुड़े मिथकों पर जागरूकता फ़ैलाने का फैसला किया | ब्रैस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिएकई तरह की दौड़, इवेंट आदि की जाती है लेकिन क्या हम सच में इस गंभीरबीमारी से निपटने के लिए तैयार हैं ?

महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर  होने के आंकड़े तथा इससे होने वाली महिलाओं के मौत के आकंड़े आपको हिला कर रख देंगे । भारत में हर दो स्तन कैंसर से पीड़ित महिला में से एक महिला की मौत हो जाती है । इसके ऊपर स्तन कैंसर से जुड़े अफवाहों को डाल दें तो ख़तरा अपने आप बढ़ जाता है ।

आइये 12 ब्रैस्ट कैंसर से जुड़े मिथक का भंडाफोड़

1. ब्रैस्ट कैंसर  एक पैतृक बिमारी है।
अगर आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार स्तन कैंसर रोगी है तो जरूरी नही है की ये बिमारी आपको भी हो । ज्यादातर ब्रैस्ट कैंसर पैतृक नहीं होते हैं ।नॉएडा के फोर्टिस कैंसर थेरेपी सेंटर के ऑन्कोलॉजी एंड बोन मेरो ट्रांसप्लांट के सीनियर कंसलटेंट डॉ विकास गोस्वामी बताते हैं की केवल 5 से 20 प्रतिशत स्तन कैंसर ही पैतृक होते हैं बाकी 75 से 80 प्रतिशत स्तन कैंसर का इससे कोई लेना देना नहीं होता है ।

2. ब्रैस्ट कैंसर उम्र के मुताबिक़ होता है ख़ास करके 40 से ऊपर की महिलाओं में।
ब्रैस्ट कैंसर हर उम्र की महिलाओं पर सामान रूप असर डालता है । ये बिमारी 25 से 90 साल तक के किसी भी महिला से हो सकता है । दिल्ली के एस. सी.आई हेल्थकेयर की डायरेक्टर तथा महिला रोग विशेषज्ञ और आई.वी. एफ एक्सपर्ट डॉ शिवानी सचदेव गौर बताती हैं की महिलाओं में स्तन कैंसर किए भी उम्र में हो सकता है लेकिन 55 साल के बाद होने वाले कैंसर 45 की उम्र में होने वाले कैंसर से ज्यादा खतरनाक और आक्रामक होते हैं।

3. अगर परिवार में किसी को ये बिमारी नहीं है तो ये आपको भी नहीं होगी।
डॉ सचदेव गौर बताती हैं की 85 फीसदी मामलों में बिमारी का पारिवारिक सम्बन्ध नहीं होता है । हालांकि ये बात सच है की अगर इस बिमारी का पारिवारिक इतिहास है तो परिवार की महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावना दोगुनी हो जाती है ।

4. पुरुषों में ब्रैस्ट कैंसर की बिमारी नहीं होती है।
पुरुषों में स्तन कैंसर बहुत कम होते हैं पर नहीं होते ऐसा नहीं है । इसमें महिलाओं को होने वाले स्तन कैंसर जैसी सारी समानता होती है । बैंगलोर के फोर्टिस अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी में कंसलटेंट डॉ अदिति भट्ट बताती हैं की पुरुषों में भी महिलाओं की तरह स्तन कैंसर हो सकते हैं । हालांकि इसकी संभावना बहुत कम होती है ।

5. अंडरवायर ब्रा के इस्तेमाल से ब्रैस्ट कैंसर  होते हैं।
इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं । ये बिना सबुत वाला डर भर है । इस मिथक की शुरुवात हुई एक किताब से जिसका नाम है ड्रेस्ड टू किल । इसमें थ्योरी दी गयी की अंडरवायर के धातु से निकलने वाला जहरीला पदार्थ रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है । डॉ सवहदेव गौर बताती हैं की इस थ्योरी को वैज्ञानिक तथ्यों से कोषों दूर माना गया है ।

6. स्तन-उच्छेदन से आपको ब्रैस्ट कैंसर  नहीं होगा।
डॉ भट्ट बताती हैं की हालांकि संभावना कम हो जाती है लेकिन फिर भी उसी स्तन में या दूसरे स्तन में कैंसर हो सकता है । डॉ सचदेव गौर के मुताबिक़ स्तन कोशिकाओं के हट जाने से कैंसर की संभावना जरूर कम हो जाती है लेकिन फिर  भी छाती की कोशिकाओं में भी कैंसर हो सकते हैं।

7. ब्रैस्ट इम्प्लांट से ब्रैस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
हालांकि ऐसा होने का कोई सबूत तो नहीं है लेकिन डॉ सचदेव गौर बताती है की ऐसा होने की बहुत कम संभावना होती है करीब 10 लाख में 3 और स्तन प्रत्यारोपण के बाद होने वाले कैंसर कप ALCL कहा जाता है जो महिला के प्रतिरोधक क्षमता से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ होता है । लेकिन फिर भी इसके सबूत नहीं हैं ।

8. पिता के परिवार में कैंसर का इतिहास उतना असरदार नहीं होता है जितना माँ के परिवार   में कैंसर का इतिहास।
डॉ भट्ट कहते हैं की तथ्य ये है की अगर पुरुष में स्तन कैंसर का इतिहास है तो कजत्रा और बढ़ जाता है । अगर किसी महिला के परिवार में दो पुरुषों को स्तन कैंसर है तो उन्हें किसी ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलकर अपने स्तन कैंसर की जांच करवा लेनी चाहिए ।राष्ट्रिय कैंसर इंस्टिट्यूट के एक जर्नल में छपे महामारी विज्ञान के अध्ययन के मुताबिक़ माता या पिता दोनों के कारण स्तन कैंसर होने की संभावना होती है ।

9. अगर आपको ब्रैस्ट कैंसर होने का खतरा है तो आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते सिवाए   लक्षण देखने के।
रुक कर देखते रहने से बेहतर है की इसके लीवर की जांच की जाए । शुरुवाती है , मध्य में या सबसे खतरनाक तीसरे स्तर पर ।  सही स्तर की सही वक़्त पर जानकारी जान बचा सकती है ।

10. प्रजनन उपचार ब्रैस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा देती है।
डॉ भट्ट के मुताबिक़ इसे साबित करने के लिए कपि वैज्ञानिक तथ्य नहीं है । और इससे कोई कैंसर नहीं होता है । हाँ अगर 10 साल से ज्यादा गर्भनिरोधक गोलिआं खाने से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है ।

11. पुरे स्तन को निकाल देने से कैंसर से बचने की संभवाना रेडिएशन से लुम्पेक्टमी करने से ज्यादा होती है।
दोनों ही उपचार ऑन्कोलॉजी के हिसाब से सही हैं । दोनों ही मामलो में मरीज़ के बचने की संभावना एक जैसी ही होती है । कई मामलों में हालांकि रेडिएशन थेरेपी ज्यादा कारगर साबित होती है ।

12. ज्यादा वजन वाली महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर होने की सम्भावना ज्यादा होती है।
हाँ यह सही है अधिक वज़न वाली महिलाओं में टन कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है खासकर के अगर वज़न गर्भवती होने के बाद बढ़ रहा हो। 95000 महिलाओं पर हुए एक अध्ययन के मुताबिक़ अपने वज़न को नियमित रख कर आप स्तन कैंसर से बाख सकती हैं।