फिर मिली पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी

जब से नरेंद्र मोदी राष्ट्र के पीएम बने हैं तबसे उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है. केवल इतना ही नहीं उन्हें मारने की साजिश भी रची गई थी. माओवादियों से संबंधित एक कार्यकर्ता के दिल्ली स्थित आवास से एक लेटर मिला था. जिसमें पीएम को राजीव गांधी की तरह टारगेट करना की योजना बनाई गई थी. किसी रोड शो के दौरान उन्हें मारने की योजना बनाई गई थी.
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यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शनिवार को एक बार फिर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है. इस बार दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को ई-मेल के जरिए यह धमकी दी गई है. इस ई-मेल के बाद पुलिस प्रशासन और खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि यह मेल असम के किसी शख्स ने भेजी है.

इसी बाच आज हम आपको बताते हैं कि पीएम मोदी की सुरक्षा कैसे होती है. पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के पास होती है. एसपीजी संघ की एक सशस्त्र सेना होती है जो राष्ट्र के पीएम  पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित उनके उस समय के निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. सेना की इस यूनिट की स्थापना 1988 में संसद के अधिनियम 4 की धारा 1(5) के तहत की गई थी.

क्यों बनाई गई एसपीजी

1981 से पहले तक हिंदुस्तान के पीएम  उनके आवास के सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के नेतृत्व वाली स्पेशल सिक्योरिटी  के हाथों में होती थी. अक्टूबर 1981 में इंटेलिजेंस ब्यूरो
के कहने पर एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया गया. जो दिल्ली के अंदर  बाहर पीएम को सुरक्षा मुहैया करवाते थे. अक्टूबर 1984 में पीएम इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्ड्स ने गोली मारकर मर्डर कर दी थी. जिसके बाद पीएम की सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया गया.

सचिवों की समिति ने पीएम की सुरक्षा का रिव्यू किया. जिसके बाद फैसला लिया गया कि पीएम की सुरक्षा को एक स्पेशल ग्रुप को दिया जाए जिसमें एक निर्दिष्ट ऑफिसर का संगठित प्रत्यक्ष नियंत्रण हो  एसटीएफ दिल्ली  दिल्ली से बाहर पीएम को तत्काल सुरक्षा देगी. इसी वजह से एसपीजी का गठन हुआ. यह एक स्वतंत्र निर्देशक के भीतर स्थापित किया गया जो दिल्ली, राष्ट्र  संसार के हर कोने में जहां भी पीएम जाएं वहां उनको सुरक्षा प्रदान करेंगे.

एसपीजी में क्या होता है खास

पीएम की सुरक्षा में तैनात होने वाले एसपीजी कमांडो को विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें पीएम की सुरक्षा में तैनात करने से पहले उनके बारे में सारी जानकारी निकाली जाती है.जैसे कि वह कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं आदि. उनके परिवार के सभी सदस्यों को ब्यौरा भी गवर्नमेंट के पास मौजूद होता है. इन कमांडो के पास एफएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल होती है. यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक गन है. कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयरप्लग या फिर वॉकी टॉकी की मदद लेते हैं.

पीएम की सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा एसपीजी कमांडो तैनात रहते हैं. इन कमांडो को इंडियन सेना  पुलिस बल से चुना जाता है. जिसके बाद इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. पीएम की सुरक्षा में तैनात एसपीजी की अच्छाई यह होता है कि ड्राइवर से लेकर व्यक्तिगत बॉडीगर्ड तक एसपीजी के ही होते हैं. इन्हें चेहरे पर किसी भी तरह के भाव दिखाने की मनाही होती है. इनके पास एफएन हर्सटल फाइव-सेवन बंदूक  ग्लॉक 12 के विशेष तरह के दस्ताने होते हैं जो इन्हें चोट लगने से बचाते हैं.

पीएम मोदी की सुरक्षा

सार्वजनिक प्रोग्राम में एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ, उनके साथ-साथ चलते हैं. यही कमांडो हमेशा गाड़ी का दरवाजा खोलकर उन्हें अंदर बैठाने के साथ ही उन्हें उतारते हैं.इनके साथ दो जैमर लगी गाड़ियां चलती हैं. जिसमें दो एंटिना लगे रहते हैं. यह सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटक को निष्क्रिय करने में सक्षम होते है. पीएम के दौरे से पहले एसपीजी उस एरिया का दौरा करके आते हैं ताकि उनकी सुरक्षा में किसी तरह की चूक ना हो सके.

एसपीजी कमांडो के जूते इस तरह से बनाए जाते हैं ताकि वह किसी भी तरह की जमीन पर ना फिसलें. एसपीजी कमांडो हमेशा काला चश्मा पहने रहते हैं जिससे वह सभी पर नजर रख सकें लेकिन किसी को यह ना पता चले कि वह किसे देख रहे हैं. पीएम के काफिले में एक एंबुलेंस भी चलती है. जो किसी भी आपात स्थिति में उन्हें मेडिकल सुविधा मुहैया करवाने के लिए होती है. मोदी अति सुरक्षा वाली बुलेटप्रुफ बीएमडब्ल्यू 7 कार से सफर करते हैं. उनके काफिले में साथ-साथ ऐसी ही दो डमी कारें चलती हैं जिससे कि हमलावर को गुमराह किया जा सके.

मोदी को कमांडो  पुलिस कवर के साथ कुछ अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस वाहन  एयरक्राफ्ट रहते हैं. यह सभी वाहन उच्च क्षमता के सैन्य आयुधों (आर्म्स एम्युनिशन) से लैस होते हैं. यदि पीएम के काफिले पर जमीनी या हवाई हमला होता है तो इनके जरिए उससे सरलता से निपटा जा सकता है. यह किसी भी तरह के रासायनिक या जैविक हमले का जवाब देने में सक्षम होते हैं.