हरियाणा व पंजाब में किसानों के पराली जलाना प्रारम्भ करने के साथ ही इसका खतरनाक धुआं दिल्ली को अपने आगोश में लेने लगा है। शनिवार को भी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बेकार होने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है। शनिवार प्रातः काल दिल्ली के आनंद विहार में प्रदूषण की मात्रा 699 मापी गई। साथ ही पंजाबी बाग में यह मात्रा 307 रही।
केजरीवाल ने साधा केंद्र व राज्य सरकारों पर निशाना
वहीं दिल्ली के ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि दिल्ली गवर्नमेंट द्वारा पराली जलाने का मुद्दा बार-बार उठाए जाने के बावजूद केंद्र सरकार, हरियाणा व पंजाब गवर्नमेंट ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने संभावना जताई कि ठंड का मौसम आते ही फिर से दिल्ली समेत यह पूरा एरिया “गैस चैंबर” बन जाएगा व लोगों को “सांस लेने में कठिनाई” का सामना करना पड़ेगा।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘हम केंद्र, हरियाणा व पंजाब सरकारों के साथ इस मामले को उठाते रहे हैं, फिर भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। किसान फिर से निर्बल हो गए हैं। दिल्ली समेत पूरा एरिया फिर से गैस चेंबर बन जाएगा। लोगों को फिर से सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। यह क्राइम है। ”
लगातार बेकार हो रही हवा की गुणवत्ता
पंजाब व हरियाणा में पराली के जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी एरिया (एनसीआर) दिल्ली व आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता पिछले सप्ताह बुधवार को लगातार तीसरे दिन बेकार रही थी। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान शोध केन्द्र (सफर) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर बुधवार को शाम चार बजे 239 तक पहुंच गया था। इसे हवा की बेकार श्रेणी में रखा जाता है।
येे हैं मानक
सूचकांक पर हालांकि मंगलवार को इसका स्तर 256 था। इसमें बुधवार को छोटी सुधार दर्ज किया गया। सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक के स्तर को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक के स्तर को ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 से 300 तक के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 तक के स्तर को बहुत बेकार व 401 से 500 तक के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।
10 अक्टूबर को आए थे आंकड़े
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों के अनुसार गाजियाबाद व गुरुग्राम में भी 10 अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता बेकार बनी रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक पर गाजियाबाद 233 व गुरुग्राम 243 के स्तर पर थे। वायु प्रदूषण के लिये सर्वाधिक जिम्मेदार पीएम 10 व पीएम 2.5 की मौजूदगी क्रमश: 224 व 102 के स्तर पर पहुंच गई थी। वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफे का कारण हवा के रुख में परिवर्तन व पंजाब एवं हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की घटनाओं में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है।
केंद्र गवर्नमेंट ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा से 11 अक्टूबर को अपील की कि वे प्रदूषण नियंत्रित करने की दिशा में धान की पराली जलाये जाने से रोकने के लिए पूरी गंभीरता तथा जिम्मेदारी से कार्य करें। केंद्रीय पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट हर स्तर पर मामले की निगरानी कर रही है। उन्होंने बोला कि मंत्रालय ने राज्यों के मंत्रियों व अधिकारियों से इस बारे में बैठकें की हैं व किसानों को महत्वपूर्ण उपकरण 15 अक्टूबर तक वितरित करने को बोला है।