
घाटी में इस समय पहले से ही 350-400 आतंकवादी सक्रिय हैं. 2015 में केवल 66 युवाओं ने आतंकवादी संगठन का हाथ थामा था. यह संख्या 2016 में थोड़ी सी बढ़ी, उस वर्ष 86 युवाओं ने बंदूक उठाई थी. वहीं पिछले वर्ष लगभग 120 युवा आतंकवादी बने. इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ ऑफिसर ने कहा, ‘इस वर्ष फरवरी व मार्च में केवल 3 व 7 लोकल नागरिक आतंकवादी संगठन में शामिल हुए थे लेकिन यह संख्या आकस्मित से जून, जुलाई व अगस्त में बढ़ने लगी.‘
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि अकेले अगस्त में 25 युवा आतंकवादी संगठन जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद व हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हुए. यह संख्या जून वजुलाई में 24 व 25 रही. एजेंसियों के अनुसार बहावलपुर बेस्ड जैश ने सबसे ज्यादा लोकल नागरिकों को शामिल किया है. 60 से ज्यादा नागरिक जनवरी 2018 से अब तक जैश में शामिल हुए हैं. आंतकी संगठन में शामिल होने वाले ज्यादातर युवा अनंतनाग, शोपियां व पुलवामा जिले से हैं.
सुरक्षा एजेंसियों ने बोला कि 164 भर्तियों में से अकेले 50 नागरिक पुलवामा व 30 शोपियां जिले से हैं. एक वरिष्ठ ऑफिसर ने कहा, ‘युवाओं के आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के बहुत से कारण हैं. धारा 35ए पर बहस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस व बीजेपी के साझेदारी टूटने से राज्य में व तनाव को बढ़ाने का कार्य किया है.‘ वहीं सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया है. एजेंसी ने बोला कि 26 अक्तूबर, 2018 तक मारे गए आतंकवादियों की संख्या 180 हो चुकी है. वहीं पिछले वर्ष 210 आतंकवादियों को मारा गया था.