
ममता बनर्जी की गवर्नमेंट ने यह निर्णय लिया है कि वह दुर्गा पूजा समितियों को पंडाल बनाने के लिए 28 करोड़ रुपये देगी. इस घोषणा के एक दिन बाद ही निर्णय के विरोध में आयोजित की गई रैली के दौरान इमाम ने गवर्नमेंट की आलोचना की. पीरजादा ने हजारों मुस्लिम युवाओं के साथ टीपू सुल्ताम मस्जिद के बार गवर्नमेंट पर हमला किया व कोलकाता पुलिस को उन्हें रैली करने की अनुमति ना देने की आलोचना की. इस फैसला को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम यहां पर तलवारें व लाठियां लेकर नहीं आए हैं. हम यहां अपनी मांगों को बताने के लिए आए हैं. इसमें क्या गलत है?’
बंगाल अल्पसंख्यक युवा संघ के महासचिव कमारुज्जामन ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. गवर्नमेंट को किसी एक धार्मिक प्रोग्राम को प्रायोजित नहीं करना चाहिए.‘ उनका यह भी कहना है कि ममता गवर्नमेंट सभी मदरसों के रख-रखाव व सुविधा के लिए दो लाख रुपये का योगदान दें. नाराज मौलवियों ने CM से मांग करते हुए बोला है कि यदि वह दुर्गा पूजा पंडाल के लिए 28 करोड़ रूपये की राशी दे सकती हैं तो उन्हें मिलने वाले वजीफे को 2500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया जाए.
बंगाल गवर्नमेंट को घेरते हुए पीरजादा ने कहा, ‘मुझे ममता गवर्नमेंट द्वारा दुर्गा पूजा के लिए राशि दिए जाने से कोई असहमति नहीं है. लेकिन गवर्नमेंट को दूसरे समुदायों की भी मदद करनी चाहिए’. सिद्दीकी का कहना है कि ममता बंगाल की सरपरस्त हैं व उन्हें सभी नागरिकों से समान तरीके से बर्ताव करना चाहिए. उन्होंने हाल में हुए दमदम बम धमाके को लेकर कहा, ‘मैं दंगे व विभाजनकारी पॉलिटिक्स के विरूद्ध हूं. वामपंथियों ने मुस्लिमों के बीच दंगे का डर दिखाकर हमारे वोट लिए थे. अब तृणमूल बीजेपी कार्ड खेलकर हमें डरा रही है.‘