Pakistani military personnel ride on an Al-Khalid tank during the Pakistan Day military parade in Islamabad on March 23, 2016. Pakistan National Day commemorates the passing of the Lahore Resolution, when a separate nation for the Muslims of The British Indian Empire was demanded on March 23, 1940. / AFP PHOTO / AAMIR QURESHI

अल खालिद-2 टैंक को अपने देश में विकसित करे, पाकिस्तान

पिछले कई साल से स्वदेशी तकनीक से मार्डन बैटल टैंक यानि एमबीटी बनाने के सपना देख रहा पाकिस्तान ने अब अपना इरादा बदल लिया है. पाकिस्तान ने ये फैसला किया है कि अब वो अल खालिद-2 टैंक की डिजाइन से लेकर इंजन तक की खरीदारी विदेश से करेगा. पाकिस्तान लगातार इस कोशिश में था कि वह अल खालिद टैंक के एडवांस्ड वर्जन यानि अल खालिद-2 टैंक (Al-Khalid tank 2) को अपने देश में विकसित करे, लेकिन लगातार आ रही दिक्कतों के चलते अब पाकिस्तान सरकार ने ये फैसला किया है कि वह चीन और कुछ यूरोपीय देशों की मदद से अल खालिद-2 टैंक के इंजन को विदेशों से आयातित करेगा. यही नहीं पाकिस्तान मार्डन अल खालिद टैंक न बना पाने से इस कदर परेशान है कि अब उसने इस टैंक की डिजाइनिग तक के लिए विदेशी मदद की आस लगाई हुई है.

भारत के खिलाफ युद्ध की स्थित में निर्णायक बढ़त हासिल करने के इरादे से पाकिस्तानी सेना लगातार अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने में लगी हुई है. जहां पाकिस्तान भारत के 36 रफाल के बदले अगले तीन साल में 62 नये JF-17 जेट को पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल कर रही है, वहीं पाकिस्तानी सेना कुछ महीनों में 600 नये टैंक को शामिल करने की योजना तैयार कर ली है. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान चीन के हथियार कंपनी चाइना नार्थ इंडस्ट्रीज कारपोरशन से लगातार संपर्क में है जिसकी मदद से पाक अपनी टैंक रेजीमेंट को मजबूत करने की कोशिश में है.

‘पाकिस्तान लंबे वक्त से स्वदेशी मार्डनाईजड टैंक अल खालिद-2 बनाने की कोशिश में है लेकिन ऐसा लगता है कि इस टैंक को बनाने में आ रही देरी की वजह से पाकिस्तान ने अब इस टैंक को खुद से बनाने का इरादा छोड़ दिया है. पाकिस्तान अब विदेशों से संपर्क साध रहा है, जिससे बाहर के देशों के इंजन को इस टैंक में फिट किया जा सके.’

पाकिस्तानी आर्मड कोर में टैंकों की कमी को दूर करने के लिए पाकिस्तान ने चीनी टैंक वीटी-4 की उम्मीद लगाई है. वीटी-4 को तीसरी जनरेशन का टैंक कहा जाता है, जिसका इंजन 1200 हार्स पावर का है औऱ ये 70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर दौड़ सकता है. ये चीन का बनाया हुआ बेहद मार्डन टैंक माना जाता है. पाकिस्तान करीब 100 वीटी-4 टैंक की खरीद करने की कोशिश में है.

पाकिस्तानी सेना अपने टैंकों की मारक क्षमता में इजाफा करना चाहती है उस ऐसे टैंक की जरूरत है, जिसमें 3-4 किलोमीटर के दायरे में किसी भी टारगेट को अचूक तरीके से मार सके. ‘पाकिस्तान ऐसे टैंक चाहता है, जिसमें कम्पयूटराईजड फायर कंट्रोल सिस्टम हौ और वो किसी भी टारगेट पर अचूक निशाना लगा सके . पाकिस्तान ज्यादा हार्स पावर के इंजन चाहता है जिससे उसके टैंक तेजी से दौड़ सके,’ रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक.

हम आपको बता दे कि भारतीय सेना में स्वदेशी अर्जुन टैंक शामिल है और डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आरगेनाइजेशन अर्जुन टैंक की डिजाइनिंग और उसके मारक क्षमता में लगातार इजाफा करने में लगा हुआ है.

अर्जुन मार्क -2 को सेना के कहने पर काफी हल्का बनाने की कोशिश की जा रही है. सेना चाहती है कि भारी भरकम अर्जुन टैंक के वज्न को 68 टन से कम किया जाये सेना का मानना है कि दुनिया के सभी मार्डन टैंक हल्के बनाये जा रहे हैं जिससे उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसानी हो. जहां भारत के पास करीब 4100 टैंक हैं वहीं पाकिस्तानी सेना में करीब 2500 टैंक शामिल है लेकिन पाकिस्तान और चीन अपनी सेना में टैंकों की तादाद बढ़ाने में लगे हुए हैं. पिछले साल दिसम्बर में चीन के रक्षा मंत्रालय ने तिब्बत में तैनात टैंकों की तस्वीर सार्वजनिक की थी टाइप-15 सीरीज के ये टैंक काफी ऊचे इलाकों में तैनात किये जा सकते हैं.