WASHINGTON, DC - JANUARY 21: With Capitol Hill in the background a crowd fills the streets on Washington, during the Women's March on January 21, 2017. (Photo by Oliver Contreras/For The Washington Post)

अमेरिका में इन मांगों को लेकर शुरू हुआ था महिलाओं का आंदोलन

दुनियाभर में भर महिला दिवस की तैयारियां जोरों पर है। हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के लिए लैंगिक समानता की आवाज उठाने के मकसद से मनाया जाता है। इस दिन उन महिलाओं को और उनके योगदान को जरूर याद किया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दिया है। इस खास मौके पर भारत में भी तैयारियां जोरों हैं।

आपको बता दें कि सबसे पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में मनाया गया था। दरअसल अमेरिका में महिलाओं को चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं था। 28 फरवरी 1909 को इस दिल अमेरिकी की सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर पहली बार दुनिया में इस दिन को मनाया गया। इसके बाद 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में इसे मनाया गया। 1913 में इसे बदलकर 8 मार्च कर दिया गया।

दरअसल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन से उपजा है। इसका बीजारोपण साल 1908 में उस वक्त हुआ जब 15 हजार से ज्यादा महिलाएं  न्यूयॉर्क में सड़कों पर निकलकर मार्च निकालकर और नौकरी में कम घंटों की मांग करने लगीं। इसके अलावा ये महिलाएं बेहतर वेतन दिया और वोटिं के अधिकार की भी मांग कर रहीं थीं। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमरीका ने इस दिन यानी 28 फरवरी 1909 को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया। जिसे बाद में बदलकर 8 मार्च कर दिया गया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 8 मार्च को पूरी दुनिया की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। साथ ही पुरुष वर्ग भी इस दिन को महिलाओं के सम्मान में समर्पित करता है। दरअसल, समानाधिकार की यह लड़ाई आम महिलाओं द्वारा शुरू की गई थी। प्राचीन ग्रीस में लीसिसट्राटा नाम की एक महिला ने फ्रेंच क्रांति के दौरान युद्ध समाप्ति की मांग रखते हुए इस आंदोलन की शुरूआत की, फारसी महिलाओं के एक समूह ने वरसेल्स में इस दिन एक मोर्चा निकाला, इस मोर्चे का उद्देश्य युद्ध की वजह से महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकना था।