सात बैंक से धोखाधड़ी के मामलों में भगोड़े उद्योगपति विनय मित्तल को हिंदुस्तान लाने में कामयाबी मिली है। उसे इंडोनेशिया से प्रत्यार्पित करके हिंदुस्तान लाया गया।मित्तल का नाम प्रमुख भगोड़े आर्थिक अपराधियों की सरकारी सूची में शामिल है। इस सूची में विजय माल्या, नितिन संदेसारा, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी व जतिन मेहता सरीखे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के नाम हैं। उधर, भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी व नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने कोशिशें तेज कर दी हैं।
सीबीआई ने कॉरपोरेशन बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के आग्रह पर 2014 व 2016 में मित्तल के विरूद्ध मामले दर्ज किए थे। अधिकारियों ने बताया कि CBI ने दिल्ली व गाजियाबाद की अदालतों में मित्तल के विरूद्ध सात चार्जशीट दाखिल की गईं थी। इसके बाद मित्तल राष्ट्र से भाग गया। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने मित्तल को भगोड़ा घोषित कर दिया। एजेंसियों ने उसके विरूद्ध एक ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ जारी किया था। अधिकारियों ने बताया कि गहन खोज के बाद मित्तल इंडोनेशिया के बाली में अपने परिवार के साथ मिला।
उन्होंने बताया कि इंडोनेशियाई प्रशासन ने रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर मित्तल को जनवरी 2017 में अरैस्ट किया था। अधिकारियों ने बताया कि हाल में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने उद्योगपति के हिंदुस्तान प्रत्यर्पण को मंजूरी दी. इसके बाद, उसे इस माह हिंदुस्तान भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान पहुंचने के बाद मित्तल को अरैस्ट कर लिया गया। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उसके प्रत्यर्पण के बाद CBI ने 46 लाख रुपये की बैंक धोखेधड़ी के मामले में बहरीन से मोहम्मद यह्या के प्रत्यर्पण में कामयाबी मिली।
मेहुल चौकसी को वापस लाने की कवायद तेज
उधर, भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने कोशिशें तेज कर दी हैं। विदेश मंत्रालय ने बोला है कि एंटीगुआ व बारबूडा द्वारा विचार किया जा रहा है। एंटीगुआ व बारबूडा के अधिकारियों ने बोला है कि विचार के बाद वे हिंदुस्तान को अपनी रिएक्शन देंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले महीने संयुक्त देश महासभा के 73 वें सत्र से इतर एंटीगुआ व बारबूडा के विदेश मंत्री ई पी चेट ग्रीन से मुलाकात की थी व चोकसी के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया था। फरार कारोबारी नीरव मोदी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न पर कुमार ने बोला कि नीरव मोदी के मामले में CBI व प्रवर्तन निदेशालय के प्रत्यर्पण अनुरोध ब्रिटेन के पास लंबित हैं।