सीबीआई के टॉप अधिकारियों के बीच उठे टकराव के तार सीधे तौर पर मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़ रहे हैं। ऐसा इसलिए CBI में नंबर दो की हैसियत रखने वाले विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोइन कुरैशी के करीबी कारोबारी सतीश सना को राहत पहुंचाने के लिए तीन करोड़ की रिश्वत ली। इस मामले में उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई।
इसके उलट राकेश अस्थाना ने इसी मामले में CBI निदेशक आलोक वर्मा पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने सना से दो करोड़ की रिश्वत ली। अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को भेजी अपनी शिकायत में वर्मा व उनकी टीम के विरूद्ध इसके साथ-साथ 10 आरोप लगाए हैं। दरअसल मोइन कुरैशी से संबंधों को लेकर ही सतीश सना से CBI पूछताछ कर रही थी। इसी मामले में सतीश सना का दावा है कि उसने अपने विरूद्ध जांच रोकने के लिए कथित रूप से तीन करोड़ की रिश्वत दी।
2015 में मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के विरूद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक मामले में पहली बार सतीश सना का नाम उनके करीबी के रूप में सामने आया था। उस मामले की जांच राकेश अस्थाना की टीम ने की थी। इसी मामले में सतीश ने कथित रूप से दावा किया है कि उसने जांच से राहत पाने के लिए कथित रूप से रिश्वत दी।
सतीश सना हैदराबाद का कारोबारी है। उसने अपने करियर की आरंभ आंध्र प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी के तौर पर प्रारम्भ की थी लेकिन बाद में जॉब छोड़कर कई कंपनियां बनाईं। उसके कई दलों के राजनेताओं व कारोबारियों से घनिष्ठ संबंध माने जाते हैं।
ऐसे में इन सारी कडि़यों को यदि एक सूत्र में पिरोया जाए तो पूरे मामले में मोइन कुरैशी का नाम प्रमुखता से उभर कर आता है। इस लिहाज से सबसे बड़ा सवाल उठता है कि कौन हैं मोइन कुरैशी?
मोइन कुरैशी
उत्तर प्रदेश के रामपुर से ताल्लुक रखने वाले मोइन कुरैशी ने दून स्कूल व सेंट स्टीफेंस से पढ़ाई की। उसके बाद रामपुर में बूचड़खाना खोला व देखते ही देखते राष्ट्र के सबसे बड़े मांस निर्यातक कारोबारी बन गए। आरोप है कि CBI के पूर्व प्रमुखों एपी सिंह व रंजीत सिन्हा से भी उनके करीबी संबंध थे। टैक्स धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग व धन के हेर-फेर के कई मामले उनके विरूद्ध चल रहे हैं। बोला जाता है कि 2011 में उनकी बेटी की विवाह में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को गाने के लिए बुलाया गया था। वह मामला भी इसलिए सुर्खियों में आ गया था क्योंकि उनको वापसी के वक्त राजस्व खुफिया महानिदेशालय ने रोक लिया था।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रामपुर में मोइन कुरैशी के वालिद मुंशी माजिद कुरैशी के नाम पर एक मशहूर एरिया है। उस क्षेत्र का नाम कोठी मुंशी मजीद है। मुंशी मजीद के बारे में बोला जाता है कि नवाबी दौर में उन्होंने अफीम के कारोबार में बहुत पैसा कमाया व उसके बाद धीरे-धीरे दूसरे बिजनेस प्रारम्भ किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक नवाबी दौर में रुहेलखंड अंचल में अफीम का कारोबार बड़े पैमाने पर हुआ करता था।