मुंबई हमले की वजह से आलोचनाओं से घिरे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, हाईकोर्ट में दी ये सफाई

मुंबई हमले (26/11) में पाकिस्तानी नागरिकों के शामिल होने की बात स्वीकार कर चौतरफा आलोचनाओं से घिरे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर हाईकोर्ट में सफाई दी। अपनी दलील में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज ने कहा कि वह गद्दार नहीं हैं।

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से मुहब्बत की वजह से ही उनका परिवार विभाजन के दौरान भारत से पलायन कर यहां आया था। अब इस मामले की सुनवाई 12 नवंबर को होगी। बताते चलें कि मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे।

मुंबई हमले को लेकर नवाज के इस बयान के बाद पाकिस्तान की विश्व पटल पर काफी किरकिरी हुई थी। इतना ही नहीं, 67 साल के नवाज पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अमीना मलिक नाम की एक महिला ने लाहौर हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी।

सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में पेश हुए नवाज ने अपने बचाव में पाकिस्तान से प्रेम और भारत से पलायन करने की बात कही। नवाज के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी और अंग्रेजी अखबार ‘डॉन’ के पत्रकार सिरिल अल्मेडा ने भी इसी मामले में अपने-अपने जवाब दाखिल किए। अपनी सफाई में अल्मेडा ने कहा कि उसने पत्रकारीय धर्म निभाते हुए नवाज का इंटरव्यू किया और उनकी कही बातों को प्रकाशित किया था।

हाईकोर्ट में दाखिल अपने जवाब में नवाज ने कहा, ‘पाकिस्तान को परमाणु शक्ति संपन्न करने वाला एक इंसान गद्दार कैसे हो सकता है। एक ऐसा शख्स जिसकी पार्टी ने हालिया आम चुनाव में दूसरे राजनीतिक दलों से अधिक वोट हासिल किए हैं, वो गद्दार कैसे हो सकता है। मैं लाखों पाकिस्तानियों का प्रतिनिधित्व करता हूं। क्या ये लोग भी गद्दार हैं? मैं और मेरा परिवार पाकिस्तान के हर इंच से प्यार करते हैं।’

पूर्व पीएम ने अदालत से आग्रह किया कि उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मुकदमा खारिज किया जाना चाहिए। नवाज के पिता मोहम्मद शरीफ बंटवारे से पहले पंजाब के तरन तारन जिले में परिवार के साथ रहते थे। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार लाहौर आ गया था।