आज रात दिल्ली में हो सकता है ये , पूरी तैयारी के साथ किसान , लाल किले पर…

आंदोलन के 62वें दिन किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली (Farmer Tractor Rally) निकाली. किसानों ने शांतिपूर्ण रैली का वादा किया था, लेकिन कई स्थानों पर हिंसक झड़प देखने को मिलीं.

 

कुछ प्रदर्शनकारियों ने 17वीं सदी के ऐतिहासिक स्थल लाल किले की प्राचीर पर झंडे गाड़ दिए और एक धार्मिक चिन्ह के साथ भगवा पताका भी लहराया. बाद में इनमें से कुछ किसानों ने और आगे बढ़ते हुए किसान यूनियन का झंडा लगाया, जहां एक बड़ा तिरंगा लहरा रहा था. कुछ समय बाद सुरक्षाकर्मी किसानों को लालकिले की प्राचीर से हटाने में सफल रहे, जिसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं. इस दौरान कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए.

श्रीवास्तव ने कहा कि किसान रैली के तय रूट से हटने की वजह से सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से हिंसा छोड़कर शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जो रूट पहले से तय किए गए थे प्रदर्शनकारी किसानों को उसी रूट से वापस लौट जाएं

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि किसानों (Farmers) ने समय से पहले और तय रूट पर बदलाव किया. पहले से तय रूट से हटकर ट्रैक्टर रैली निकाली. उन्होंने कहा कि इसी वजह से कई जगह पर तोड़फोड़ हुई.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल (Injured) हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया.

किसानों की रैली (Farmer Rally) के लिए पहले से तय के रूट बदले जाने और दिल्ली में हुई हिंसा पर पुलिस कमिश्नर(Commissioner) एसएन श्रीवास्तव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि किसानों की ट्रैक्टर (Tractor) परेड के लिए कई बार मीटिंग हुई थी. लगातार हुई बैठकों के बाद किसान रैली के लिए रूट और समय तय किया गया था.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिसवालों के बीच झड़प होती देखी गई. इस बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान अपनी ‘ट्रैक्टर रैली’ के दौरान लालकिला पहुंच गए और उन्होंने यहां किसान संगठनों का झंडा फहराया. किसान लालकिले की प्राचीर पर पहुंच गए, जहां पर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा ध्वज फहराकर देश को संबोधित करते हैं. किसानों ने यहां किसान यूनियनों का झंडा फहराया. इस दौरान पुलिस की ओर से इन्हें रोकने और समझाने की कोशिश भी हुई, लेकिन आंदोलनकारी नहीं माने.

इसके साथ ही ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार हजारों किसान व्यस्त आईटीओ चौराहे पर पहुंच गए और इंडिया गेट की ओर बढ़ने की कोशिश करने लगे. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच ‘चूहे-बिल्ली का खेल’ जैसा होते देखा गया. लालकिले पर तैनात पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा.

कुछ प्रदर्शनकारियों ने 17वीं सदी के ऐतिहासिक स्थल लाल किले की प्राचीर पर झंडे गाड़ दिए और एक धार्मिक चिन्ह के साथ भगवा पताका भी लहराया. बाद में इनमें से कुछ किसानों ने और आगे बढ़ते हुए किसान यूनियन का झंडा लगाया, जहां एक बड़ा तिरंगा लहरा रहा था. कुछ समय बाद सुरक्षाकर्मी किसानों को लालकिले की प्राचीर से हटाने में सफल रहे, जिसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं. इस दौरान कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए.