अटलांटा स्थित गरबा कार्यक्रम से हिन्दू ना लगने पर वैज्ञानिक को निकला बहार

वडोदरा के रहने वाले एक प्रतिष्ठित खगोल विज्ञानी जो अब अमेरिका में रहते हैं, उनका आरोप है कि उन्हें एक गरबा कार्यक्रम से निकाल दिया गया। वैज्ञानिक ने बताया कि वह अपने तीन दोस्तों के साथ अटलांटा स्थित एक गरबा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे जहां आयोजकों ने उन्हें इसलिए बाहर निकाल दिया क्योंकि उनका सरनेम हिंदू जैसा नहीं लगा।
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29 साल के करण जानी 2016 में अमेरिका के लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जरवेटरी (लीगो) की टीम का हिस्सा बने थे। यह टीम गुरुत्वाकर्षण लहरों का अध्ययन करती है। उन्होंने ट्विटर और फेसबुक पर लिखा कि उन्हें श्री शक्ति मंदिर के आयोजकों द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया गया। वह वहां पिछले 6 सालों से गरबा कर रहे हैं और कभी उन्हें इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था।

जानी ने बताया कि आयोजकों से मैंने गुजराती में बात की लेकिन उनपर कोई असर नहीं पड़ा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा, ‘अमेरिका के अटलांटा के शक्ति मंदिर में साल 2018 में मुझे और मेरे दोस्तों को गरबा खेलने के लिए प्रवेश देने से इसलिए मना कर दिया। इसकी वजह आयोजकों ने बताई कि आप हिंदू नहीं दिखते हैं और आपके पहचान पत्र पर लिखा सरनेम हिंदू प्रतीत नहीं होता है।’

जानी ने बताया कि जब उनके एक दोस्त ने मंदिर के स्वंयसेवक को अपना पहचान पत्र दिखाया तो उन्होंने कहा कि उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा क्योंकि उनका सरनेम ‘वाला’ है और ऐसा लगता है कि यह हिंदू सरनेम नहीं है। जानी ने ट्वीटर पर बताया कि उनके एक दोस्त को स्वयंसेवक ने कहा, ‘हम आपके कार्यक्रमों में नहीं आते हैं, आप हमारे में नहीं आ सकते हैं। वह एक कोंकणी हो जो पहली बार गरबा में आई थी।’

जानी ने ट्विटर पर लिखा कि मेरी दोस्त ने स्वयंसेवक को बताया कि मेरा नाम मुरदेश्वर है और वह एक कन्नड़-मराठी है। जिसपर स्वयंसेवक ने कहा, ‘कन्नड़ क्या होता है?’ तुम इस्माइली हो। जानी ने कहा कि उन्होंने इस तरह के भेदभाव का कभी सामना नहीं किया था। यहां तक कि अमेरिका में पिछले 12 सालों से रहने के दौरान भी उन्हें ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा। जानी ने कहा कि मेरी दो महिला मित्रों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।