‘मैं ओलंपिक अयोग्यता के लिए देश से माफी मांगता’, पहलवान योगेश्वर का विनेश फोगाट पर निशाना
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने विनेश फोगाट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विनेश ने पेरिस ओलंपिक में अयोग्य करार दिए जाने के बाद बाहर हो जाने की जिम्मेदारी नहीं ली, बल्कि अपनी अयोग्यता के लिए दूसरों को दोषी ठहराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर ने कहा कि अगर उन्हें अयोग्य घोषित किया जाता तो वह पूरे देश से माफी मांगते। हालांकि, विनेश के ऐसा नहीं करने पर योगेश्वर ने निराशा जताई है।
योगेश्वर ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि वह हैरान रह गए जब विनेश ने अपनी ओलंपिक अयोग्यता के बारे में साजिश की बातें फैलानी शुरू कर दीं। उन्होंने यहां तक दावा किया कि विनेश ने इस घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया। योगेश्वर ने कहा, ‘उन्हें ओलंपिक खेलों से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें पूरे देश के सामने माफी मांगनी चाहिए थी कि उन्होंने गलतियां की हैं। हालांकि, इसके बजाय उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया। यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री को भी दोषी ठहराया। हर कोई जानता है कि अयोग्यता सही कॉल थी। वे एक ग्राम वजन अधिक होने पर भी एथलीटों को अयोग्य घोषित कर देते हैं।’
योगेश्वर की यह टिप्पणी विनेश के भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और उसकी अध्यक्ष पीटी उषा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद आई है। फोगाट ने संयुक्त रजत पदक के लिए खेल पंचाट (सीएएस) में अपील के दौरान पर्याप्त कानूनी समर्थन नहीं देने के लिए आईओए की आलोचना की थी। विनेश और भारतीय वकीलों के अथक प्रयासों के बावजूद, खेल पंचाट यानी सीएएस ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया था। विनेश ने कहा था कि भारत सरकार और आईओए को उनके मामले को दायर करने और समर्थन करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए थी। उन्होंने कहा था कि उनके केस दायर करने के बाद ही आईओए के तरफ से मदद आई थी। हालांकि, बाद में विनेश के इस बयान का हरीश साल्वे ने खंडन किया था।
योगेश्वर ने विनेश फोगाट पर आरोप लगाया कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह सहित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ बहुप्रचारित पहलवानों के विरोध के दौरान पहलवानों के साथ छेड़छाड़ की। योगेश्वर ने कहा, ‘विनेश ने देश में गलत माहौल बनाया। यहां तक कि विरोध प्रदर्शन के दौरान भी लोगों को गलत तरीके से इकट्ठा होने के लिए कहा गया। अगर हम सिर्फ ओलंपिक की बात करें तो भारत को पदक गंवाने के बावजूद एक गलत धारणा बनाई गई कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है। अगर मैं विनेश की जगह होता तो देश से माफी मांगता।’
विनेश को फाइनल के दिन वजन के दौरान 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया था। विनेश ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि, फाइनल वाले दिन सुबह में महज 100 ग्राम ज्यादा वजन होने की वजह से उन्हें अयोग्य करार दिया गया था। सीएएस की सुनवाई में विनेश का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने यह कहते हुए उनके कुछ आरोपों का खंडन किया था