इस राज्य की सबसे उम्रदराज महिला मरीज ने जीती कोरोना से जंग , 5 मई को हुई थीं संक्रमित

एक नर्स ने बताया कि 98 वर्षीय अन्नपूर्णा राज्य की सबसे बड़ी महिला मरीज हैं जिन्होंने वायरस से लड़कर इसे हराया है. उन्होंने बताया कि अम्मा अस्पताल के अंदर भी हमारी ताकत थी. उन्होंने कई अन्य लोगों को इलाज के लिए प्रेरित किया, जिनका इलाज चल रहा है.”

वहीं अन्नपूर्णा के परिवारवालों ने अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा की. उनके बेटे कुलमणि बिस्वाल ने कहा, “अस्पताल में मेरी मां को दी गई समर्पित देखभाल ने उन्हें ठीक होने में मदद की है. हमें डर था की हम मां को बचा नहीं पाएंगे क्योंकि वो पहले से ही कई बीमारियों से पीड़ित थीं. भगवान और उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों का शुक्र है.”

माना जा रहा है कि अन्नपूर्णा उनकी देखभाल कर रही नर्स से संक्रमित हुई थीं. अम्मा के पॉजिटिव होने के एक दिन पहले ही उनकी नर्स भी कोविड टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई ती. हालांकि अम्मा के परिवार में उनकी पोती के अलावा सभी नेगेटिव थें.

पिछले दो दशकों से डायबटीज की मरीज रही अन्नपूर्णा फाइलेरिया और हाइपरटेंशन से भी पीड़ित हैं. अन्नपूर्णा 5 मई को कोविड पॉजिटिव हुई थी, हालांकि इतनी सारी बीमारियों के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना ट्रीटमेंट लेते हुए एक सप्ताह के भीतर बुधवार को अस्पताल से पूरी तरह स्वस्थ्य होकर निकली.

अस्पताल के सूत्रों की माने तो अम्मा के इतनी तेज रिकवरी की सबसे बड़ी वजह उनका आत्मविश्वास था. उन्होंने बताया कि अम्मा की मजबूत इच्छा-शक्ति और हार नहीं मानने वाले रवैये ने ही उन्हें इस लड़ाई में जीत दिलाई है.

हालांकि इलाज के दौरान कई बार उनके ऑक्सीजन लेवल में उतार चढ़ाव देखा गया था, लेकिन इन सब से बाद भी अम्मा घबराई नहीं और इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों के साथ अच्छा सहयोग किया.

भुवनेश्वर के चंद्रशेखरपुर में 98 साल की महिला नॉनजेनेरियन अन्नपूर्णा बिस्वाल कोविड अस्पताल से वायरस को हराकर घर वापस आ गई हैं. देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं जो दिल को दहला देने वाली रही.

अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी से परेशान होते लोगों को देखकर स्थिति की भयावहता का अंदाजा लगाया जा रहा है. ऐसे वक्त में ओडिशा की सबसे उम्रदराज मरीज का कोविड की लड़ाई जीतकर वापस आना इस वायरस से लड़ने की हिम्मत देता है.