सड़क हादसे में घायल हुई थी महिला, न्यायाधिकरण ने 29 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने सड़क हादसे में घायल एक महिला को 29.39 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है। महिला साल 2018 में हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुई थी। एमएसीटी की सदस्य एस एन शाह ने 18 मार्च को अपने आदेश में कहा कि ठाणे स्थित बस मालिक और बीमाकर्ता संयुक्त रूप से मुआवजे की राशि का भुगतान करेंगे। साथ ही न्यायाधिकरण ने याचिका दायर करने की तारीख से वसूली तक राशि पर 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
मुंबई की निवासी हेमा कांतिलाल वाघेला 31 दिसंबर, 2017 को नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने कुछ साथियों के साथ एक निजी बस में मुंबई के नरीमन पॉइंट गईं थी। 1 जनवरी 2018 की सुबह वापस लौटते वक्त बस हादसे का शिकार हो गई और उसमें हेमा गंभीर रूप से घायल हो गईं। हेमा को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हेमा के वकील बलदेव बी राजपूत ने न्यायाधिकरण को बताया कि याचिकाकर्ता को गंभीर चोटें आईं और उन्हें जसलोक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका लंबे समय तक इलाज चला।
दुर्घटना के बाद, बस चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279 (तेज गति से गाड़ी चलाना), 337 (जीवन को खतरे में डालने वाले कृत्य से चोट पहुंचाना) और 338 (जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले काम से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया। वाघेला ने 53.95 लाख रुपये के मुआवजे की मांग करते हुए मोटर दुर्घटना दावा दायर किया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के समय वह एक कंपनी में सलाहकार के रूप में कार्यरत थी, जहां उनकी मासिक आय 85,088 रुपये थी। हालांकि बीमाकर्ता ने दावे का विरोध किया और कहा कि याचिकाकर्ता को मामूली चोटें आईं और हादसे से कोई स्थायी विकलांगता नहीं आई।