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क्यों समय से पहले होंगे मतदान, मुकाबले में खड़े नेताओं का भारत पर क्या रुख

कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने 14 मार्च को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। जस्टिन ट्रूडो की घटती लोकप्रियता और उनकी नीतियों के विरोध के बीच कार्नी ने कनाडा की जनता से वादा किया था कि वह लिबरल पार्टी को फिर से मुकाबले में लाएंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए जा रहे भारी-भरकम टैरिफ से निपटने के लिए योजना भी तैयार करेंगे। हालांकि, महज 10 दिन बाद ही उन्होंने कनाडा में समयपूर्व चुनाव कराने का एलान कर दिया। इसी के साथ कनाडा में 28 मार्च को नई सरकार के लिए मतदान होना है।

ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर लिबरल पार्टी के नवनिर्वाचित नेता और कनाडा के नए पीएम ने इतनी जल्दी चुनाव की तारीखों का एलान क्यों कर दिया? कनाडा में यह चुनाव कैसे होंगे? इसके अलावा कनाडा के चुनाव में इस बार कार्नी के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां होंगी? कनाडा में इस बार पार्टियों के सामने क्या-क्या मुद्दे होंगे? आइये जानते हैं…

कनाडा में क्यों हुआ समयपूर्व चुनाव का एलान?
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उसके पड़ोसी कनाडा में सियासी उथल-पुथल मची है। दरअसल, ट्रंप ने कई ऐसे एलान किए हैं, जिसके चलते कनाडा की अर्थव्यवस्था मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है। आलम यह है कि ट्रंप के टैरिफ लगाने के फैसले पर दिसंबर में ही सरकार के बीच दरार खुल कर सामने आ गई। कनाडा सरकार में उप प्रधानमंत्री ने वित्त नीति पर मतभेद के चलते दिसंबर में ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी 6 जनवरी को प्रधानमंत्री पद छोड़ने का एलान किया।

इसके बाद सत्ता में आए मार्क कार्नी, जिन्होंने ट्रंप की नीतियों के जवाब में कनाडा को मजबूत करने की बात कही। कनाडा में चुनाव इस साल अक्तूबर के करीब होने थे और माना जा रहा था कि कार्नी अगले छह महीनों में लिबरल पार्टी की घटती लोकप्रियता की दिशा मोड़ देंगे। हालांकि, 24 मार्च (सोमवार) से शुरू होने वाले संसद सत्र से पहले ही कार्नी ने 23 मार्च (रविवार) को एलान किया कि कनाडा में 28 अप्रैल को चुनाव होंगे।

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