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रिपोर्ट में जिम्मेदार ठहराए गए पांच पुलिसकर्मियों पर क्यों दर्ज नहीं हुई FIR? हाईकोर्ट का सवाल

मुंबई:बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूछा कि जब यह बात सामने आई की बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में एक आरोपी मौत के लिए पांच पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं, तो फिर प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई? दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि वह पहले से ही इस घटना की आकस्मिक मृत्यु के रूप में जांच कर रही है।

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने यह सवाल उठाया और इस पर आदेश सुरक्षित रखा कि क्या सरकार को मजिस्ट्रेट द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट के बाद प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए। रिपोर्ट में आरोपी की हिरासत में मौत के लिए पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया था।

सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने कहा कि राज्य पहले से ही अपनी स्वतंत्र जांच कर रहा है और सरकार ने इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक आयोग भी गठित किया है। बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे को पिछले साल दिसंबर में एक कथित मुठभेड़ में मार डाला गया था, जब उसे नवी मुंबई की तलोजा जेल से महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण ले जाया जा रहा था। उसे अगस्त 2024 में दो नाबालिक लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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