नई फसल से पहले गेहूं महंगा, लेकिन उपज बढ़ने की उम्मीद; हफ्ते भर में करीब 7% बढ़ा भाव
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गेहूं की नई फसल आने से पहले मंडियों में गेहूं की कीमतें आसमान पर हैं. बीते करीब एक हफ्ते के दौरान थोक भाव करीब 7 फीसद बढ़ गया है। हालांकि मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है जिस वजह से इस साल रिकॉर्ड उपज की उम्मीद जताई जा रही है। उपज बढ़ने की स्थिती में आगे चलकर भाव में नरमी भी आ सकती है। दिल्ली की थोक मंडी में शुक्रवार को गेहूं का भाव 3301 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है, 6 फरवरी को दिल्ली में भाव 3095 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था।
गेहूं की कीमतों में यह तेजी ऐसे समय पर आई है जब मंडियों में नई फसल की आवक शुरू होने में महीनाभर बचा है, ऊपर से सरकार के गोदामों में भी गेहूं स्टॉक पिछले साल से ज्यादा है। भारतीय खाद्य निगम के आंकड़े बताते हैं कि पहली फरवरी तक केंद्रीय पूल में गेहूं का कुल स्टॉक 161.74 लाख टन दर्ज किया गया है। पिछले साल पहली फरवरी को केंद्रीय पूल में गेहूं का कुल स्टॉक 132.66 लाख टन था। एसएमसी ग्लोबल के रिसर्च एसोसिएट रवि शंकर पांडे के मुताबिक हफ्तेभर के दौरान गेहूं की कीमतों में तेजी रह सकती है, उसके बाद कीमतों में नरमी आएगी।
इस साल देश में गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है, साथ में मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है। इस वजह से गेहूं की उपज में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 10 फरवरी तक देशभर में गेहूं का कुल रकबा 324.88 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 6.55 फीसद ज्यादा है. पिछले साल 10 फरवरी तक देशभर में 318.33 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती दर्ज की गई थी।