टीनेजर्स के जीवन को सुधारने के लिये हमे जरुर करना चाहिये यह काम

आज कल बच्चे और टीनेजर्स ही समय से पहले परिपक्व हो रहे हैं इतना ही हम कई सारी ऐसी भी जिम्मेदारियाँ और प्रेशर उन पर दिये हुए हैं जिंका महत्व भी उनको पता भी नहीं है । इतना ही नहीं जितना तनाव आज व्यसकोण को भी नहीं होगा उससे कई ज्यादा तनाव के शिकार वह हुए जा रहे हैं ।

हम बच्चों के जीवन को बहुत आम जीवन समझते हैं पर कई सारी ऐसी बाते हैं जिनको हम वयस्क अवस्था में बहुत ही आम बात समझ लेते हैं वह बात उनके लिए बहुत बड़ी होती है । उनको कई सारी बातों को लेकर तनाव बना ही रहता है । ऐसे में उनकी मानसिक स्थिति बहुत ही गंभीर रहती है और बहुत ही नाजुक भी होती है । उनके हार्मोनल चेंजेज़ भी उनके मानसिक स्थिति को काफी नाजुक बना देते हैं ।

बच्चे को 9-10 साल की उम्र से माता-पिता से मानसिक सपॉर्ट की जरूरत होती है। दरअसल, इस उम्र में बच्चे समाज को समझने की शुरुआत में होते हैं। कई बार उन्हें अलग-अलग स्थितियों से डील करने में दिक्कत होती है। हो सकता है कि कभी सिर्फ टीचर की डांट, किसी दोस्त के बात ना करने से भी वह दो हफ्ते तक उदास रहे। यह भी हो सकता है कि डांटने के दौरान आपके द्वारा बोली गई कोई छोटी सी बात उसके मन में घर कर गई हो। ऐसे में इस उम्र के बच्चों के साथ प्यार और अपनेपन के साथ बात करें।

आपको कोशिश करनी चाहिए कि थोड़ा वक्त निकालकर ही सही अपने टीनेजर बच्चे से हर रोज बात करें। उसके साथ थोड़ा वक्त गुजारें। ताकि वो खुद को अलग-थलक और अकेला ना महसूस करे। उससे पूछें कि पूरा दिन क्या किया, स्कूल-ट्यूशन कैसे रहे। कुछ रोचक और प्रेरक प्रसंग उन्हें बताएं। अगर आपने खुद ऐसा कुछ नहीं पढ़ा है तो बच्चों के लिए पढ़ें। इससे बच्चों और आपके बीच बॉन्ड मजबूत होने में मदद मिलेगी