वास्‍तु शास्‍त्र : घर से बाहर गार्डन लगाने से पहले जान ले ये बात, नहीं तो हो जाएँगे परेशान

जिस पौधे से दूध जैसा द्रव निकला है, उसे घर के बाहर ही लगाएं. शनि से संबंधित बाधा दूर करने के लिए शमी का पौधा लगाना चाहिए. तुलसी का पौधे जहां होते हैं, वहां भगवान विष्णु का निवास होता है. उत्तरा, स्वाति, हस्त, रोहिणी एवं मूल नक्षत्रों में पौधरोपण करना चाहिए.

 

वास्तु शास्‍त्र कहता है कि कांटों वाले पेड़-पौधे घर में नहीं होने चाहिए. पत्तियों या टहनियों को तोड़ने पर दूध निकलने वाले पेड़-पौधों को लगाने की वास्‍तु शास्‍त्र में मनाही की गई है.

वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार, पेड़-पौधों का संबंध विभिन्न ग्रहों से होता है. बहुत ऊंचे या लाल फलदार पेड़ का संबंध सूर्य से तो दूध वाले पौधों का संबंध चंद्रमा से होना बताया गया है. जानें वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार घरों में गार्डन लगाने के नियम :

घरों में गार्डन (Home Garden) लगाना शुभ माना जाता है. साथ ही वास्‍तु शास्‍त्र में भी इसका अलग महत्‍व है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में घरों में गार्डन लगाने के लिए भी नियम बताए गए हैं.

गुरुत्वाकर्षण (Gravity), सूर्य से निकलने वाली सात किरणें (Sun Rays) पृथ्वी के घूमने की रफ्तार को आधार बनाते हुए वास्‍तु शास्‍त्र में पेड़-पौधों को लगाने की महत्‍ता बताई गई है.