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कांगो के पूर्वी हिस्से में फिर हिंसा, 50 से ज्यादा मौतें; एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे सरकार और विद्रोही

कांगो के पूर्वी हिस्से में हाल ही में हुई हिंसा में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात हुआ। यह क्षेत्र पहले से ही संघर्ष और हिंसा की मार झेल रहा है। अब एक बार फिर सरकार और विद्रोही गुट एम-23 एक-दूसरे पर हमले का दोष लगा रहे हैं। शुक्रवार रात से लेकर शनिवार सुबह तक गोमा शहर और उसके आसपास गोलियों और बम धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। स्थानीय निवासी अंबोमा सफारी ने बताया कि उनका परिवार पूरी रात अपने बिस्तर के नीचे छिपकर रहा क्योंकि बाहर से भयंकर गोलाबारी की आवाजें आ रही थीं। उन्होंने बताया कि सुबह उन्होंने सैनिकों के शव देखे, लेकिन यह पहचानना मुश्किल था कि वे किस पक्ष से थे।

इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार?
इस घटना को लेकर सरकारी बलों और एम23 विद्रोहियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। कांगो सरकार का कहना है कि यह हमला एम23 विद्रोहियों ने किया है। वहीं एम23 के प्रवक्ता लॉरेंस कण्युका ने कहा कि यह हमला कांगो की सेना और उसके स्थानीय सहयोगी मिलिशिया के संयुक्त अभियान का नतीजा है। उनका दावा है कि सरकार की ये सैन्य कार्रवाइयां स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी हैं, और अब एम23 को भी अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ेगा।

शांति प्रयास के बीच बढ़ती हिंसा और खतरा
यह घटना उस समय हुई है जब कतर और अफ्रीकी देश शांति स्थापित करने के प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह हमला इन प्रयासों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। कांगो और एम23 के बीच संघर्ष कोई नया नहीं है, यह दशकों पुराना विवाद है। लेकिन इस साल जनवरी में हालात और ज्यादा बिगड़ गए जब एम23 ने गोमा शहर पर कब्जा कर लिया था। फरवरी में उन्होंने बुकावू नाम के एक और महत्वपूर्ण शहर पर भी कब्जा कर लिया।

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